लखनऊ:कोविड-19 के कारण सरकार की तमाम योजनाएं प्रभावित हुई हैं. इस क्रम में समाज कल्याण विभाग के द्वारा चलाई जाने वाली मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना भी कोरोना के कारण प्रभावित हुई है. इस योजना के अंतर्गत गरीब परिवार के जोड़ों की शादी कराई जाती है, यह जिम्मेदारी समाज कल्याण विभाग उठाता है. प्रत्येक जोड़े को शादी करने के लिए करीब 51,000 रुपये का खर्च प्रत्येक जोड़े पर आता है.
दोबारा शुरू हुई मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना. कोविड-19 के संक्रमण से पहले बड़ी संख्या में सभी ब्लॉक, जिला और महानगर स्तर पर सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया जाता था. लेकिन, कोरोना काल में कोविड-19 संक्रमण के चलते इस योजना को रोक दिया गया था, जिसे अब दोबारा शुरू कर दिया गया है. शासन की तरफ से इस योजना को कोविड-19 प्रोटोकॉल के अंतर्गत चलाने के लिए कहा गया है, जिसमें एक पंडाल में सिर्फ 10 जोड़ों की ही शादी कराई जाएगी. इससे पहले अधिक से अधिक जोड़ों की शादियां कराने की जिम्मेदारी थी, लेकिन कोविड-19 के खतरे को देखते हुए अब एक बार में सिर्फ 10 जोड़ों की ही शादी कराई जाएगी.
क्या है मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत विभिन्न जाति-धर्म जोड़ों की शादी उनके धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न कराई जाती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य विवाह उत्सव में होने वाले अनावश्यक प्रदर्शन एवं अपव्यय को समाप्त किए जाना है, जिसमें 2,00,000 रुपये वार्षिक आय की सीमा तक जीवन यापन करने वाले सभी वर्गों के परिवारों की कन्याओं का विवाह कराया जाता है. इस योजना में विधवा, परितक्यता, तलाकशुदा महिलाओं के विवाह की भी व्यवस्था की गई है. इस योजना में दांपत्य जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना हेतु उनके खाते में 35,000 रुपये की धनराशि अनुदान के रूप में दी जाती है और साथ में विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री और कपड़े आदि के लिए 10,000 रुपये की धनराशि एक बार में दी जाती है. इसके अतिरिक्त प्रत्येक जोड़े के विवाह आयोजन पर 6,000 रुपये की धनराशि की भी व्यवस्था है. इस प्रकार इस योजना के अंतर्गत जोड़े को कुल मिलाकर 51,000 रुपये की धनराशि की व्यवस्था की जाती है.
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को कोविड-19 के दौरान स्थगित कर दिया गया था. अब पुनः शासनादेश पर कोविड-19 के प्रोटोकाल को फॉलो करते हुए और 2 गज दूरी मास्क है जरूरी, इस स्लोगन का पालन करते हुए 10 जोड़ों की शादी एक साथ कराई जाएंगी. शासन ने नगर निकायों और ब्लॉक स्तर पर इसका आदेश भी भेज दिया है. कोविड-19 के बाद पहले सामूहिक विवाह का आयोजन देवोत्थानी एकादशी के बाद कराया जाएगा.
-अमरनाथ यति, जिला समाज कल्याण अधिकारी