लखनऊ:योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना के दौरान अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की गई है. मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान इस योजना का शुभारंभ किया. योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों को 5 प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी. इसमें बच्चों की परवरिश, पढ़ाई, बालिकाओं की शादी में एक लाख रुपये, बच्चों को लैपटॉप देने जैसी योजनाएं शामिल हैं. इस योजना में ऐसे बच्चों को भी शामिल किया जाएगा, जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता में से आय अर्जित करने वाले अभिभावक को खो दिया हो.
बच्चों के विधिक अभिभावक को 4000 रुपये देगी सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों के संरक्षण और उनके देखभाल के लिए विशेष योजना लागू करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के नाम पर यह योजना संचालित की जाएंगी. इसमें जिन बच्चों ने अपने माता पिता को अथवा विधिक अभिभावकों को कोरोना महामारी के कारण खोया है, उन बच्चों के लिए यह योजना लागू होगी. इसमें अनाथ होने वाले बच्चों की देखभाल के लिए राज्य सरकार ऐसे बच्चों को वयस्क होने तक यानी जब तक वह बच्चे अपने पैरों पर खड़े नहीं हो जाते, उनकी देखभाल के लिए 4000 रुपये प्रति बच्चा वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी. यह सहायता उनके अभिभावक को या फिर उनके केयरटेकर को दी जाएगी. अभिभावक उन बच्चों के रिश्तेदार भी हो सकते हैं.
रहने, खाने और पढ़ाई की व्यवस्था करेगी सरकार
सीएम योगी ने कहा कि 10 साल से कम आयु के ऐसे बच्चे जिनका कोई अभिभावक नहीं है, ऐसे बच्चों को प्रदेश सरकार या केंद्र सरकार की सहायता से संचालित बालग्रह में संरक्षण की व्यवस्था, उनके आवास की व्यवस्था होगी. वर्तमान में 5 ऐसे बाल संरक्षण गृह प्रदेश में संचालित हैं. ऐसे बच्चों को कई प्रकार की सुविधा, उनकी सुरक्षा, उनके लालन-पालन की पूरी व्यवस्था सरकार उठाती है. यह बालगृह मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा और रामपुर में है. अवयस्क बच्चों की देखभाल और उनकी पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था की जाएगी. राज्य की अनाथ अवयस्क बालिकाओं को केंद्र सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में अथवा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित राजकीय बालिका गृह में व्यवस्था दी जाएगी. प्रदेश में मौजूदा समय में 13 बालिका गृह संचालित कर रहे हैं. इसके अलावा प्रदेश में 18 अटल आवासीय विद्यालय संचालित करने जा रहे हैं. उन सब में भी राज्य सरकार की तरफ से निशुल्क व्यवस्था की जाएगी.
बच्चों को लैपटॉप देगी योगी सरकार
ऐसी अनाथ बालिकाओं की शादी के लिए राज्य सरकार 1 लाख 1000 रुपये खर्च करेगी. प्रदेश में स्कूल में पढ़ने वाले अथवा व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण करने वाले ऐसे सभी बच्चों को प्रदेश सरकार की तरफ से लैपटॉप/ टेबलेट की व्यवस्था कराई जाएगी. जिससे वह बच्चे ऑनलाइन शिक्षा के साथ जुड़ सकेंगे. इस प्रकार राज्य सरकार ने पांच प्रकार के निर्णय लिए हैं. यह योजना मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के रूप में संचालित की जाएगी.
जल्द जारी होगी विस्तृत गाइडलाइन
प्रदेश सरकार इसकी पूरी गाइडलाइन विस्तृत रूप से बनाने जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन सभी परिवारों के प्रति हमारी संवेदना है, जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को अपने अभिभावकों को खोया है. राज्य सरकार उन सबको आश्वस्त करती है कि सरकार की पूरी संवेदना उन सभी लोगों के प्रति है, जिनके किसी निकट संबंधी का दुखद निधन इस महामारी के कारण हुआ है. उन सबके प्रति हमारी पूरी संवेदना है. जो बच्चे अनाथ हुए हैं उन सभी बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी राज्य सरकार उठाएगी. राज्य सरकार उनको हर प्रकार का संरक्षण देगी. हर प्रकार की सुरक्षा देगी, इसीलिए राज्य सरकार ने आज यहां पर उन लोगों के लिए 5 प्रकार की घोषणाएं की हैं, इससे उन सभी बच्चों को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाने का काम हो सकेगा. ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों की परवरिश का ऐलान किया था. मुख्यमंत्री ने शासन के अधिकारियों को ऐसे अनाथ बच्चों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए थे. प्रदेश भर में ऐसे बच्चों की का चिन्हीकरण किया गया है. अब उन बच्चों की परवरिश राज्य सरकार करेगी.