ऐसे ढहा मुख्तार का किला, सालभर में 3 केस में सजा, पांच अरब की संपत्ति जब्त, 6 गुर्गे ढेर - गुर्गे ढेर
बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को गुरुवार को गैंगस्टर एक्ट में 10 साल की सजा सुनाई गई है. मुख्तार अंसारी को यह सजा गाजीपुर में 1996 में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पर हमले को लेकर हुई है. यह तीसरी बार है जब इसी साल मुख्तार को सजा सुनाई गई है.
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Published : Dec 15, 2022, 8:06 PM IST
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Updated : Dec 15, 2022, 10:52 PM IST
लखनऊ : बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को गुरुवार को गैंगस्टर एक्ट में 10 साल की सजा सुनाई गई है. मुख्तार अंसारी को यह सजा गाजीपुर में 1996 में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पर हमले को लेकर हुई है. यह तीसरी बार है जब इसी साल मुख्तार को सजा सुनाई गई है. आइए जानते है आखिर मुख्तार अंसारी के खिलाफ अब तो योगी सरकार ने कितनी कार्रवाई की है
वर्ष 2005 से देश की अलग अलग जेलों में बंद मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कुल 59 मुकदमे दर्ज हैं. जिसमें 20 ऐसे केस हैं जो विचाराधीन हैं. अब तक 3 मामलों में माफिया को सजा सुनाई जा चुकी है. माफिया के सहयोगियों व उसके गुर्गों पर हुई कार्रवाई की बात करें तो अब तक 282 गुर्गों पर यूपी पुलिस कार्रवाई कर चुकी है. जिसमें कुल 143 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. 176 मुख्तार के गुर्गों और उसके गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है. योगी सरकार की कार्रवाई की दहशत से 15 गुर्गों ने सरेंडर भी किया. 167 असलहों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं. वहीं 66 के खिलाफ गुंडा एक्ट व 126 के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई है.
योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान मुख्तार के 6 गुर्गों पर एनएसए भी लगाया गया. 70 की हिस्ट्रीशीट खोली गई और 40 को जिलाबदर किया गया. 5 गुर्गों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया. योगी सरकार ने मुख्तार और उसके कुनबे की लगभग 5 अरब 72 करोड़ की संपत्ति कर ली या फिर बुलडोजर चलाया गया. मुख्तार एंड कंपनी पर हुई कार्रवाई से बंद पड़े उसके अवैध धंधों से कमाए जाने वाले 2 अरब 12 करोड़ का भी नुकसान हुआ है.
मुख्तार अंसारी को अब तक तीन मामलों में सजा
पहला मामला :वर्ष 2003 में लखनऊ जेल में बंद रहे तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी से कुछ लोग जेल में मिलने के लिए पहुंचे थे. असलहों से लैस होकर मुलाकात करने पहुंचे लोगों की जब तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने तलाशी लेनी चाही तो मुख्तार ने जेलर पर पिस्टल तान दी थी. इस पर जेलर ने लखनऊ के आलमबाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. इस मामले में 21 सितंबर 2022 को कोर्ट ने मुख्तार को 7 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई.
दूसरा मामला : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गैंगस्टर एक्ट के तहत 23 साल पुराने एक मामले में 23 सितंबर 2022 को मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया था. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह निर्णय राज्य सरकार की अपील पर पारित किया था. मामले की एफआईआर वर्ष 1999 में थाना हजरतगंज में दर्ज की गई थी. कोर्ट ने मुख्तार को 5 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी.
तीन राज्यों में दर्ज हैं 59 मुकदमे
ट्विटर पर छाया योगी का बुलडोजर
मुख्तार अंसारी के खिलाफ देश के अलग अलग राज्यों में कुल 59 मुकदमे दर्ज हैं. जिलेवार बात करें तो लखनऊ व वाराणासी में 7-7, गाजीपुर में 23, चंदौली, आगरा व सोनभद्र में 1-1, आजमगढ़ व बाराबंकी में 2-2 व मऊ में 8 मुकदमे दर्ज हैं. यही नहीं मुख्तार के खिलाफ यूपी के बाहर भी मुकदमे दर्ज हैं. नई दिल्ली में 5 और पंजाब में एक मुकदमा दर्ज है.
माफिया मुख्तार अंसारी को गाजीपुर गैंगेस्टर कोर्ट ने 26 साल पुराने मामले में सुनवाई पूरी करते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई है. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को सोशल मीडिया पर एक बार फिर जबरदस्त समर्थन मिला है. माफिया मुख्तार अंसारी को सजा मिलने के बाद ट्विटर पर सीएम योगी का बुलडोजर छा गया. हैशटैग योगी बुल्डोजिंग माफिया (#YogiBulldozingMafias) देखते ही देखते ट्विटर के टॉप ट्रेंड पर पहुंच गया. महज दो घंटे में ही इस हैशटैग ने 9 करोड़ से ज्यादा यूजर्स का ध्यान आकर्षित किया. वहीं 19 हजार से ज्यादा यूजर्स ने इस हैशटैग के साथ सीएम योगी के बुलडोजर को माफिया को जमींदोज करने वाला बताया. जबकि दो घंटे में 34 हजार से ज्यादा यूजर्स ने लाइक, रिप्लाई और रीट्वीट के जरिए योगी राज की कानून व्यवस्था को अपना समर्थन दिया है.