लखनऊ:लखीमपुर हिंसा के बाद से ही पीलीभीत के भाजपा सांसद वरुण गांधी सूबे की योगी सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं. रोजना उनके ट्विटर से एक के बाद एक हो रहे हमलों को देख तो यही जान पड़ता है कि वे अब जल्द ही भाजपा को अलविदा कहेंगे. लेकिन क्या सच में वरुण ऐसा करेंगे. क्या वरुण अपने भाई राहुल गांधी या फिर बहन प्रियंका के संपर्क में हैं? ये सवाल इस लिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि जिस तरीके से वरुण योगी सरकार के खिलाफ आक्रमक हुए हैं उसे देख तो कोई भी यही अंदाजा लगाएगा.
वहीं, बीते 14 अक्टूबर को वरुण गांधी ने अपने ट्वीट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भाषण का एक अंश साझा किया. साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को बड़े दिलवाला नेता करार दिया. इधर, उनके इस 41 साल पुराने वीडियो के साझा किए जाने और सूबे की योगी सरकार से जारी टकराव पर सियासी जानकार डॉ. ललित कुचालिया कहते हैं कि वरुण गांधी पिछले लंबे समय से उपेक्षा के शिकार हैं. उनमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं है.
बावजूद इसके उन्हें और उनकी सांसद मां मेनका गांधी को मोदी सरकार में कोई खास जगह नहीं मिली. इतना ही नहीं हाल ही में घोषित भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची से भी मेनका गांधी और वरुण गांधी के नाम को हटा दिया गया. लेकिन अब वरुण ने भी अपनी मंशा जता दी है कि अगर उन्हें अब भी इसी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है तो वे पार्टी को कई मोर्चे पर नुकसान पहुंचा सकते हैं.
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खैर, सांसद वरुण गांधी के तेवर इन दिनों बदले नजर आ रहे हैं. यही कारण है कि उन्होंने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में अपनी ही सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. लेकिन डॉ. कुचालिया बताते हैं कि वरुण गांधी के इस व्यवहार को देख आप इसका बिल्कुल भी अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि आगे वे क्या करने वाले हैं या फिर भाजपा को लेकर उनके दिमाग में क्या चल रहा है.
उनका ऐसा व्यवहार पहली बार भी नहीं है. इससे पहले भी कई मौकों पर वे अपने ही दल के नेताओं का विरोध कर चुके हैं. इसी कड़ी में उन्होंने अब किसान आंदोलन और लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों को लेकर अपनी ही पार्टी पर हल्ला बोला है.
साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भाषण का एक अंश सोशल मीडिया पर साझा करते हुए उन्होंने उन्हें बड़े दिलवाला नेता करार दिया और इशारों-इशारों में ही केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार पर निशाना भी साधा.