लखनऊ : एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर को रेप के एक झूठे मामले में फंसाने के मामले में अभियुक्त गायत्री प्रसाद प्रजापति की डिस्चार्ज अर्जी को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने इस मामले में आरोप तय करने के लिए गायत्री प्रजापति को जेल से तलब किया है. वहीं मामले के अन्य अभियुक्तों को, जो जमानत पर बाहर हैं, उन्हें भी 29 सितंबर को कोर्ट में हाजिर होना होगा.
पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की डिस्चार्ज अर्जी कोर्ट ने की खारिज, 29 सितंबर को तय होगा आरोप
उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति (Gayatri Prajapati) को एमपी-एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) से झटका लगा है. कोर्ट ने रेप के झूठे मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) और उनकी पत्नी को फंसाने के मामले में अभियुक्त गायत्री प्रजापति की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी है.
उल्लेखनीय है कि अन्य अभियुक्तों में महिला आयोग की पूर्व सदस्य अशोक पांडेय, पुष्पा देवी और अभियुक्त भुजवीर को 29 सितंबर को तलब किया गया है. इस मामले की एफआईआर 20 जून 2015 को डॉ. नूतन ठाकुर ने थाना गोमती नगर में दर्ज करायी थी. 31 जुलाई, 2017 को अदालत ने इस मामले में अभियुक्त गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ आईपीसी की धारा 211 व 120 बी जबकि अन्य मुल्जिमों के खिलाफ आईपीसी की धारा 467, 468, 471, 420, 203, 211 व 120 बी के तहत आरोप पर संज्ञान लिया है. नूतन ठाकुर ने आरोप लगाया है कि कैबिनेट मंत्री रहने के दौरान गायत्री प्रजापति के विरुद्ध तमाम शिकायतें करने के कारण उन्हें और उनके पति को दुराचार के झूठे मुकदमे में फंसाने का प्रयास किया गया. आरोप है कि राज्य महिला आयोग की तत्कालीन सदस्य अशोक पांडेय भी गायत्री प्रजापति के इस साजिश में शामिल थीं.
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