लखनऊः एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने शाहजहांपुर के एक कॉलेज से एलएलएम करने वाली छात्रा के साथ यौन संबंध बनाने की खातिर उसे कैद रखने के मामले मे अभियुक्त चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह को बरी कर दिया है. साथ ही रंगदारी व जानमाल की धमकी के मामले में छात्रा और पांच अन्य अभियुक्त संजय सिंह, डीपीएस राठौर, विक्रम सिंह, सचिन सिंह और अजीत सिंह को भी साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. विशेष अदालत में फैसला सुनाए जाते वक्त सभी अभियुक्त उपस्थित रहे.
यह है मामला
27 अगस्त, 2019 को इस बहुचर्चित मामले की एफआईआर छात्रा के पिता ने थाना कोतवाली शाहजहांपुर में दर्ज कराई थी. उन्होंने तहरीर में बताया कि उनकी पुत्री एलएलएम कर रही थी. वह काॅलेज के ही हॉस्टल में रहती थी. उन्होंने बताया कि 23 अगस्त से उसका मोबाइल बंद जा रहा था. इसी बीच उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो देखा, जिसमें स्वामी चिन्मयानंद और कुछ अन्य लोगों द्वारा उसकी व अन्य लड़कियों का शारीरिक शोषण व दुष्कर्म कर उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही थी.
छात्रा के पिता ने लगाए थे आरोप
छात्रा के पिता ने बताया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनकी पुत्री के साथ कोई अप्रिय घटना करके कहीं गायब कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में जब मैंने स्वामी जी से मोबाइल पर सम्पर्क किया, तो उन्होंने सीधे मुंह बात नहीं की और मोबाइल बंद कर दिया. यही नहीं जब हॉस्टल जाकर देखा तो उनकी पुत्री के कमरे में ताला बंद है. वीडियो के मुताबिक उसमें साक्ष्य व सबूत होने की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि अभियुक्तगण राजनैतिक व सत्ता पक्ष के दंबग तथा गुंडा किस्म के लोग हैं. वह साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. लिहाजा उसका वीडियो मीडिया के सामने सील किया जाए.