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मौलाना कल्बे सादिक एकता और एकजुटता के प्रतीक थे: सैफ अब्बास

राजधानी में मौलाना कल्बे सादिक का बुधनार को निधन हो गया था. गुरुवार को उनकी याद में शोक सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान मौलाना सैफ अब्बास ने कल्बे सादिक़ से जुड़ीं यादों को याद किया.

मौलाना सैफ अब्बास
मौलाना सैफ अब्बास

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Published : Nov 26, 2020, 5:32 PM IST

लखनऊ:मौलाना कल्बे सादिक के निधन पर राजधानी में शोक सभा का आयोजन किया गया. पुराने लखनऊ के गुफरान इमामबाड़े में शिया चांद कमिटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास की ओर से शोक सभा आयोजित कर कल्बे सादिक़ को याद किया गया.

गुरुवार को मौलाना सैफ अब्बास की अध्यक्षता में गुफरान फाउंडेशन ने शोक सभा का आयोजन किया. शोक सभा की शुरुआत मौलाना तसव्वुर हुसैन की तेलावत से हुई. मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि खानदाने इज्तिहाद के सरपरस्त (अभिभावक) मौलाना कल्बे सादिक एकता और एकजुटता के प्रतीक थे. उन्होंने समाज के हर वर्ग को मानवता, एकता और प्रेम का संदेश दिया और समाज के हर वर्ग को एकजुट करने का हमेशा प्रयास किया.

'मौलाना का निधन पूरे राष्ट्र का नुकसान'

शिया चांद कमिटी के अध्यक्ष और शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि हकीम-ए-उम्मत का निधन पूरी राष्ट्र का नुकसान है, लेकिन मुझे बहुत व्यक्तिगत नुकसान हुआ है, क्योंकि हमने कई अवसर पर उनसे सलाह ली है और उन्होंने हमारी सरपरस्ती भी की है. अप्रैल 2018 के पहले सप्ताह में गुफरान फाउंडेशन की ओर से मजलिस को संबोधित करने के लिए आए थे, जबकि मौलाना कल्बे सादिक बीमारी थे. उन्होंने कहा कि मैं यह समझता हूं कि इस मजलिस के बाद उन्होंने एक-दो मजलिस ही पढ़ी. जब भी मैं उनसे बचपन से लेकर अब तक मिला, मैंने हमेशा वही प्यार और स्नेह देखा, जो मुझे बचपन में उनसे मिलता था.

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