लखनऊ: बेटे की यादों को अपने दिल में सजों कर रखा है जया श्रीवास्तव ने. आज भले उनका बेटा उनके साथ न हो मगर उसकी यादों को उनके परिवार ने दिल में सहेज रखा है. उसके जन्मदिन पर अनाथ बच्चों के साथ केक काटती हैं, उसके पसंद की चीजे बना कर सबको खिलाती हैं. मगर इकलौते बेटे का यूं सड़क हादसे में जाना उनके दिल में टीस बना हुआ है, आज भी खौफनाक मंजर को वो भूल नहीं पा रही.
दरअसल, बात साल 2016 की है, जब जया श्रीवास्तव अपने पति जिला जज किशोर कुमार श्रीवास्तव, बड़ी बेटी स्निग्धा और एकलौते 17 साल के बेटे अमूल के साथ शादी पार्टी से वापस रांची अपने घर वापस जा रही थी. तभी अचानक रांची से पहुंचने से पहले लगभग 30 किलोमीटर दूर ट्रक और उनकी कार की जोरदार टक्कर हो गई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए और उसने सवार सभी लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए. चारों तरफ अंधेरी रात के घनघोर सन्नाटे के बीच चीख-पुकार सुनकर कुछ लोग और पुलिस की मदद से उनको हाॅस्पिटल में भर्ती कराया गया.
नौजवान बेटे के खो जाने के दर्द से कहार रही मां ने बताया कि उसके बेटे की मौत की खबर उसको 7 दिन बाद छोटी बेटी यामिनी से पता चली. जब उसने बताया कि मां पिछले दिनों से जैसा आप सोच रही थी वो बिल्कुल सही है. भैया अमूल की मौत हादसे के समय ही हो गई थी. बेटी की बात सुनकर मां बिल्कुल सुन पड़ गई. उस अभागिन मां ने बताया कि जिस बेटे को उसने महीनों अपने गर्भ में रखा, हर साल हफ्तों पहले जिसके जन्मदिन की तैयारियों में जुट जाती थी उस को देखना उसे आखिरी समय नसीब ही नही हुआ.
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