लखनऊ: राजधानी के नगर निगम व लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने अगर मंडलायुक्त के निर्देशों को गंभीरता से लिए होता तो शायद सोमवार को इकाना स्टेडियम के बाहर हुए हादसे में मारी गई मां बेटी आज जिंदा होते. ये इसलिए क्योंकि हादसे से दो दिन पहले ही मंडलायुक्त ने जिम्मेदारों को शहर के सभी जर्जर शाइन बोर्ड्स और यूनिपोल्स की जांच करने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगी. फिलहाल मंडलायुक्त रोशन जैकब ने इस हादसे की जांच के निर्देश दिए है.
लखनऊ में जर्जर होर्डिंग्स के कारण गई मां-बेटी की जान सोमवार को गाजीपुर थानांतर्गत इंदिरानगर सी ब्लॉक की रहने वाली प्रीति जग्गी अपनी 15 वर्षीय बेटी एंजेल के साथ स्कॉर्पियो से घूमने निकली थीं. गाड़ी खुर्रमनगर निवासी सरताज खान चला रहे थे. घूमते घूमते वो इकाना स्टेडियम के पास से गुजर रहे थे. इस दौरान तेज आंधी के कारण स्टेडियम के अंदर गेट नंबर एक व दो के बीच में लगी होर्डिंग गाड़ी पर पर गिर गई. हादसे के वक्त गाड़ी में चालक सरताज और प्रीति अपनी 15 साल की बेटी के साथ मौजूद थी. यूनीपोल गिरते ही हड़कंप मच गया.
लखनऊ में जर्जर होर्डिंग्स के कारण गई मां-बेटी की जान फायर सर्विस, एसडीआरएफ व पुलिस की टीम ने रेस्क्यू कर तीनों को बाहर निकाला , लेकिन तब तक मां बेटी की मौत हो चुकी थी. फिलहाल चालक सरताज को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं इस हादसे के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण व नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है. दरअसल, बीती 3 जून को लखनऊ कमिश्नर रोशन जैकब ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी, नगर आयुक्त, चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी, चीफ इंजीनियर यूपीपीसीएल को एक पत्र लिखा था.
लखनऊ में जर्जर होर्डिंग्स के कारण गई मां-बेटी की जान इसमें कमिश्नर ने दैवीय आपदा जनहानी से बचने के लिए सभी अवैध होर्डिंग्स पर कार्रवाई और आवश्यक मरम्मत व बदलवाने के लिए कहा था, लेकिन 2 दिन बाद आंधी चलने से सोमवार को इकाना में होर्डिंग गिर गया, जिसने मां बेटी की दर्दनाक मौत (Mother-daughter died due to Dilapidated hoardings in Lucknow) हो गई है. वहीं हादसे के बाद घायल ड्राइवर सरताज के भाई मुबीन की तहरीर पर इकाना प्रशासन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या 304A और 338 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद इकाना प्रबंधन ने होर्डिंग लगाने वाली कंपनी ओरियन को नोटिस जारी किया है. नोटिस में मृतक के परिवार को मुआवजे के रूप में 10 लाख और घायल को पांच लाख रुपये देने के लिए कहा है.
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