उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

Lucknow News : निजी अस्पताल में जच्चा बच्चा की मौत, इलाज के नाम पर थमाया करीब 94 हजार का बिल

यूपी सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर काफी गंभीर है, बावजूद इसके निजी अस्पतालों पर लगातार (Mother and child died in private hospital) गंभीर आरोप लगने के मामले सामने आ रहे हैं. सोमवार को राजधानी में एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत के बाद परिजनों ने गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा किया.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 10, 2023, 6:58 AM IST

लखनऊ : इंदिरानगर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत (Mother and child died in private hospital) हो गई. परिवारीजनों ने डॉक्टरों पर बिना बकाया बिल भुगतान शव न देने का आरोप लगाया. नाराज परिवारीजनों ने अस्पताल में हंगामा किया. मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह मामला शांत कराया.

हरदोई के उत्तरा गांव निवासी कांति (21) को रविवार को प्रसव पीड़ा हुई. पति मोहित कुमार ने बताया कि परिवार के अन्य सदस्य गर्भवती को लेकर स्थानीय अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने गर्भवती की हालत गंभीर बताई. मरीज को लखनऊ के निजी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी. परिवारीजनों को एम्बुलेंस मुहैया कराई. दलालों के चंगुल में फंसे परिवारीजन गर्भवती को लेकर इंदिरानगर के सर्वोदय नगर स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचे. इमरजेंसी में डॉक्टरों ने मरीज को देखा. हालात गंभीर बताते हुए तुरंत ऑपरेशन की सलाह दी. पति मोहित का आरोप है कि डॉक्टरों ने सामान्य प्रसव कराने की बात कही थी. भर्ती के बाद बिना किसी को जानकारी दिए ऑपरेशन कर दिया. प्रसव के बाद कांति की तबीयत बिगड़ गई. आनन-फानन उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया. इलाज के दौरान सोमवार को प्रसूता की मौत हो गई. अमित का आरोप है कि प्रसव के बाद पत्नी से परिवार के किसी भी सदस्य को मिलने नहीं दिया गया. उन्होंने ऑपरेशन के दौरान ही कांति की मौत की आशंका जाहिर की है.

निजी अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हंगामा

बिल भुगतान के बाद मिला शव :पति का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने इलाज पर करीब 94,880 रुपये का बिल थमाया. परिवारीजनों ने इतना पैसा चुकाने में असमर्थता जाहिर की. इस पर अस्पताल प्रशासन ने बिना बकाया चुकाए शव देने से मनाकर दिया. शव न देने की बात सुनकर परिवारीजनों का गुस्सा भड़क उठा. हंगामा शुरू कर दिया. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल प्रशासन ने संशोधित बिल 59100 कर दिया. करीब 50 हजार रुपये जमा करने के बाद जच्चा-बच्चा का शव लेकर घर ले गए.बकाया बिल भुगतान के बाद शव परिवारीजनों के हवाले कर दिया गया. दुखी परिवारीजनों ने इंसाफ के लिए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल से भी शिकायत की.


अस्पताल की निदेशक डॉ. निदा खान ने कहा कि 'परिवारीजन गर्भवती को बेहद नाजुक हाल में लेकर अस्पताल आए थे. पेट में शिशु की मौत हो चुकी थी. गर्भवती डेंगू, मलेरिया और टायफाइड पॉजिटिव थी. प्लेटलेट्स काउंट 27 हजार थे. इलाज में कोताही के आरोप बेबुनियाद हैं. कुछ स्थानीय लोग अस्पताल के खिलाफ साजिश कर रहे हैं. परिवारीजन संतुष्ट होकर अस्पताल से गए हैं.'

यह भी पढ़ें : Agra News: अस्पताल संचालक ने मरीज न लाने पर एंबुलेंस चालक को बंधक बनाकर पीटा

यह भी पढ़ें : Watch : लोहिया अस्पताल में युवती ने एक मुक्के से तोड़ा काउंटर का शीशा, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

ABOUT THE AUTHOR

...view details