लखनऊ: कोरोना की पहली लहर की तरह दूसरी लहर में बन्दियों को वायरस के संक्रमण से बचाने और यूपी की ओवर क्राउडेड जेलों में कैदियों की संख्या कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कैदियों को पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़ा जा रहा है. प्रदेश की जेलों से बंद 2399 कैदियों को अब तक पैरोल दी जा चुकी है, जबकि 10,560 कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा चुका है. कैदियों को पैरोल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार की गई है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कैदियों को किया गया रिहा
डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि प्रदेश के 71 कारागारों में कुल 1,06,026 कैदी बंद हैं. जिनमें 2,399 सजायाफ्ता कैदियों को पैरोल पर रिहा करने के अलावा 10,560 कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा चुका है. डीजी जेल के मुताबिक, कोरोना की पहली लहर की तरह दूसरी लहर में भी बन्दियों को बचाने के लिए जेलों में ओवर क्राउडिंग कम करने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा सिद्धदोष बन्दियों तथा जनपद न्यायाधीश स्तर से विचाराधीन बन्दियों की 60 दिन के पैरोल व अंतरिम जमानत पर रिहाई निरंतर हो रही है.
इन बंदियों को मिल रहा लाभ
- जो कैदी पेरोल पर हैं, उनकी पैरोल अगले 60 दिन के लिए बढ़ा दी जाएगी.
- जो शांतिपूर्ण पैरोल के बाद समर्पण कर चुके हैं, उन्हें फिर से 60 दिन की पैरोल दी जायेगी.
- जो सात साल से कम सजा के अपराधी या आरोपी हैं, उन्हें 60 दिन की विशेष पैरोल या अंतरिम जमानत दी जाएगी, बशर्ते जेल में उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की गई है.
- जो कैदी 2020-21 में या 5 साल के भीतर कभी पैरोल पर छूटे हों, उन्हे भी 60 दिन की पैंडेमिक पेरोल दी जाएगी.
- जिनकी अर्जी सरकार के समक्ष लंबित है, एक हफ्ते मे 60 दिन के पैरोल पर रिहाई का फैसला लिया जाएगा.