लखनऊ:कोरोना महामारी की दूसरी लहर मरीजों पर भारी पड़ रही है. संक्रमण की भयावहता से लखनऊ में चिकित्सकीय सेवाएं डगमगा गईं. यहां के तमाम अस्पतालों को कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया. साथ ही 25 अप्रैल से रूटीन सर्जरी को रोक दिया गया. ऐसे में 59 दिनों में सरकारी और निजी अस्पतालों में एक लाख से अधिक मरीजों के रुटीन ऑपरेशन टल चुके हैं.
निजी अस्पतालों में टलीं 94 हजार सर्जरी
लखनऊ में 800 निजी अस्पताल रजिस्टर्ड हैं. नर्सिंग होम एसोसिएशन व आईएमए की अध्यक्ष डॉ. रमा श्रीवास्तव के मुताबिक निजी अस्पताल 20 बेड से लेकर 200 बेड तक के करीब हैं. छोटे-बड़े अस्पतालों में सर्जरी का आंकलन करें तो औसतन प्रति अस्पताल दो ऑपरेशन होते हैं. ऐसे में एक दिन में 1600 सर्जरी निजी अस्पताल में होती थीं. 59 दिनों में 94,400 मरीजों की रुटीन सर्जरी निजी अस्पताल में की जातीं, जोकि नहीं हो सकीं.
पढ़ें- सरकार की सोशल मीडिया को दो टूक, कोरोना के लिए 'इंडियन वेरिएंट' शब्द तुरंत हटाओ
चिकित्सा संस्थानों में 12 हजार से ज्यादा ऑपरेशन टले
शहर में केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया संस्थान तीन बड़े सरकारी चिकित्सा संस्थान हैं. वहीं, कैंसर संस्थान भी शुरू हो गया है. सिर्फ केजीएमयू की बात करें तो यहां 55 के करीब ऑपरेशन थियेटर हैं. हर रोज छोटे-बड़े 200 ऑपरेशन होते थे. वहीं, 25 मार्च से सिर्फ इमरजेंसी में 40-50 ऑपरेशन ही हो रहे हैं. ऐसे में हर रोज 150 ऑपरेशन टल रहे हैं. सभी संस्थानों में मिलाकर 59 दिनों में 12 हजार से ज्यादा ऑपरेशन टले. ऐसे ही जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, सीएचसी पर भी ऑपरेशन टालने पड़े.