लखनऊ:राजधानी लखनऊ की सड़कों पर करीब 5284 भिखारी भटक रहे हैं. इसमें 14 साल की उम्र तक के 264 बालक और 484 बालिकाएं शामिल हैं. नगर निगम की तरफ से कराए गए एक सर्वे में यह आंकड़ा खुलकर सामने आया है.
हालांकि, नगर निगम के आंकड़ों में किसी अधिकारी के बारे में जानकारी नहीं दी गई है. ऐसे में आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं. बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस आंकड़े पर सवाल उठाते हुए सभी 5284 भिखारियों का ब्यौरा मांगा है. उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ.शुचिता चतुर्वेदी ने पत्र लिख कर सभी भिक्षुओं के नाम उनका पता यानी जहां उन्हें देखा गया है, इस बारे में सूचनाएं मांगी हैं.
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भिक्षा से मुक्ति के लिए कराया गया सर्वेक्षण: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से स्ट्रीट चिल्ड्रेन को लेकर एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी. इसके लिए लखनऊ नगर निगम को शहर का सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी दी गई है. लखनऊ नगर निगम ने लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के तकनीकी सहयोग से शहर का सर्वेक्षण भी कराया. यह सर्वेक्षण उम्मीद संस्था एवं ग्रामीण मानव उत्थान संस्था के सहयोग से भिक्षा मुक्ति अभियान के अंतर्गत किया गया.
सर्वेक्षण की रिपोर्ट में ये जानकारियां मिली: