लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री का कहना है कि प्रदेश में दवा, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी नहीं है. लेकिन इसके बावजूद लगातार राजधानी लखनऊ में बड़ी संख्या में मरीज अस्पतालों और परिसर में ऑक्सीजन, बेड और वेंटिलेटर न मिलने के कारण मर रहे हैं. यही कारण है कि राजधानी के श्मशान घाटों पर मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए उनके परिजनों को लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं. सोमवार देर रात आए सरकारी आंकड़ों पर यदि नजर डाली जाए तो 3,058 मरीज संक्रमित पाए गए. जबकि 26 मरीजों की संक्रमण से मौत हो गई. वहीं राजधानी लखनऊ के भैंसा कुंड, गुलाला घाट आलमबाग के बैकुंठ धाम सहित कई श्मशान घाटों पर 150 से अधिक डेड बॉडी देर रात तक आई, जिनका अंतिम संस्कार चलता रहा.
नगर निगम ने चलाया सैनिटाइजेशन अभियान
राजधानी में लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए नगर आयुक्त अजय द्विवेदी के नेतृत्व में सैनिटाइजेशन अभियान चलाया गया. इस अभियान के अंतर्गत महिला आयोग, मानवाधिकार सूचना आयोग, निर्माण निगम, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान और लखनऊ विकास प्राधिकरण सहित 220 से अधिक भवनों को सैनिटाइज किया गया. नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि इस अभियान में 3,500 से अधिक कर्मचारियों को लगाया गया है, जो लगातार गली-मोहल्लों में जाकर संक्रमण रोकने के लिए सैनिटाइजेशन का काम कर रहे हैं. जिससे संक्रमण को रोका जा सके.