लखनऊ: अनलॉक-1 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब परिवहन निगम की बसों में एक दिन में 10 लाख से ज्यादा यात्रियों ने सफर किया. बीती 31 जुलाई को 10 लाख से ज्यादा यात्रियों ने गन्तव्य तक पहुंचने के लिए परिवहन बसों का सहारा लिया. इससे परिवहन निगम को करोड़ों रुपये के राजस्व का लाभ हुआ है.
कोरोना महामारी के कारण प्रदेश भर में 21 मार्च से लेकर 31 मई तक परिवहन निगम की बसों का संचालन बंद कर दिया गया था. इस दौरान सिर्फ श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से आने वाले यात्रियों को ही रोडवेज बसों के जरिए गन्तव्य तक पहुंचाया जाता था. 1 जून से लगे अनलॉक-1 के तहत प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम को अंतरराज्यीय बस सेवा के संचालन की अनुमति दी.
एक जून से जब बसों का संचालन शुरू हुआ तो यह सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 2 लाख तक भी नहीं पहुंच पाई थी. धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई और 31 जुलाई तक सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 10 लाख तक पहुंच गई. यात्रियों के सफर करने का एक कारण 1 अगस्त को पड़ने वाला बकरीद भी था. 31 जुलाई को 10 लाख से अधिक यात्री रोडवेज बस के सहारे अपने घरों को पहुंचे. इस दौरान एक ही दिन में परिवहन निगम की 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की आय हुई है. परिवहन निगम के एमडी डॉ. राजशेखर ने इसके लिए यात्रियों का आभार व्यक्त किया है.
बता दें कि रोडवेज को 3000 से ज्यादा बसों को आरटीओ में सरेंडर करना पड़ गया, जिससे टैक्स न भरना पड़े. हालांकि धीरे-धीरे अब संचालन पटरी पर आ रहा है, इससे रोडवेज को लॉकडाउन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई की संभावना है.