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बीबीएयू में मूट कोर्ट कंपटीशन, अंतिम चरण आज - जय प्रकाश नारायण, रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज, लखनऊ

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मूट कोर्ट का आयोजन किया जा रहा है. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की ओर से दो दिवसीय कंपटीशन सोमवार को शुरू हुआ.

मूट कोर्ट कंपटीशन
मूट कोर्ट कंपटीशन

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Published : Jan 12, 2021, 11:44 AM IST

लखनऊःमूट कोर्ट के माध्यम से कानून की शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को कोर्ट में पेश होने वाली दलीलों और तौर-तरीकों के बारे में अहम जानकारी प्राप्त होती है. इसके माध्यम से विद्यार्थियों को कार्यक्षेत्र का व्यवहारिक ज्ञान भी प्राप्त होता है. यह बातें बीबीएयू में मूट कोर्ट कंपटीशन के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि जय प्रकाश नारायण ने कहीं. यह आयोजन सोमवार को शुरू हुआ. आज (मंगलवार को) अंतिम चरण है. पहले दिन जय प्रकाश नारायण ने कहा कि कोर्ट में दोनों पक्षों को अपनी बात रखने का बराबर मौका दिया जाता है. वकील द्वारा पेश की हुई दलीलों का केस में अहम योगदान होता है. उन्हें किसी विवाद के निपटारे के लिए तथ्यों के आधार पर दलीलें पेश करने का हुनर सीखना आवश्यक है.

दो दिवसीय आयोजन
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के विधि विभाग की ओर से दो दिवसीय 'द्वितीय इंट्रा-मूट कोर्ट कंपटीशन' का आयोजन किया जा रहा है. कंपटीशन का उद्घाटन 11 जनवरी को विधि विभाग के मूट कोर्ट हॉल में हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में जय प्रकाश नारायण, रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज, लखनऊ और विशिष्ट अतिथि ईश्वर दयाल, फॉर्मर एडिशनल एलआर मेंबर, उत्तर प्रदेश स्टेट लॉ कमिशन कार्यक्रम में उपस्थित रहे. प्रोफेसर सुदर्शन वर्मा, डीन, स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज तथा डॉक्टर संजीव कुमार चड्ढा, हेड, डिपार्टमेंट ऑफ लॉ ने अतिथियों के साथ मंच साझा किया.

1981 से शुरू हुई मूट कोर्ट
विशिष्ट अतिथि ईश्वर दयाल ने बताया की मूट कोर्ट के माध्यम से विद्यार्थियों मे मूटिंग स्किल का विकास होता है. विद्यार्थियों को संविधान में लिखे नियमों की सही व्याख्या करने और उससे जुड़ी दलीलें प्रस्तुत करने के बारे में जानकारी मिलती है. उन्होंने बताया कि भारत में वर्ष 1981 से मूट कोर्ट की शुरुआत हुई. इसके माध्यम से विद्यार्थियों में ड्राफ्टिंग, रिसर्च, राइटिंग स्किल विकसित होती है. प्रोफेसर सुदर्शन वर्मा ने मूट कोर्ट के आयोजन की आवश्यकता के बारे में बताते हुए कहा कि विद्यार्थियों के लिए यह एक अच्छा अवसर है, जब वह शिक्षा प्राप्त करने के दौरान ही व्यवहारिक ज्ञान भी प्राप्त कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें अपने कार्यों और कर्तव्यों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है. विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव चड्ढा ने कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत किया.

कार्यक्रम का संचालन
उद्घाटन सत्र के बाद मूट कोर्ट कंपटीशन के दो चरणों का आयोजन भी किया गया. कंपटीशन के जज के तौर पर डॉ. समीर हुसैन, डॉ. शकुंतला संगम, डॉ. प्रेम कुमार गौतम, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. अब्दुल्ला नासिर, एडवोकेट सौरभ नारायण, मिस इंदु बाला, डॉ. प्रिया अनुरागिनी, अवनीश सिंह उपस्थित रहे. 12 जनवरी को अंतिम चरण का मूट कोर्ट आयोजित होना है. इसमें विजेताओं के नाम की घोषणा की जाएगी. मूट कोर्ट का हिस्सा बने विद्यार्थियों ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि यह एक ज्ञानवर्धक और आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला आयोजन था. विभाग की छात्रा पुण्य त्रिपाठी ने बताया कि इस आयोजन ने हमारे मूटिंग और ड्राफ्टिंग स्किल्स को निखारा है. स्वस्तिद मिश्रा ने बताया कि, “आज, मैंने मेमोरियल तैयार करना सीखा है. विभाग की एक अन्य छात्रा मिस नव्या श्रीवास्तव ने बताया कि, मूट कोर्ट अदालती बहस की कला को निखारने में मदद करता है और अदालत की कार्रवाई के बारे में जानकारी प्रदान करता है.

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