लखनऊ : बसपा शासनकाल में लखनऊ व नोएडा में 1400 करोड़ रुपये के घोटाले में उप्र राजकीय निर्माण निगम (UPRNN) के 23 तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारी समेत 34 अन्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) 57 आरोपियों के खिलाफ इसी हप्ते चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है. इनमें उप्र राजकीय निर्माण निगम (UPRNN) के 23 तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारी तथा 34 निजी व्यक्ति शामिल हैं. विजिलेंस पूर्व कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी व बाबू सिंह कुशवाहा समेत 40 अन्य लोगों से पूछताछ कर चुकी है.
पिछले हप्ते हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने 1400 करोड़ रुपये के चर्चित स्मारक घोटाले में बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इंकार करते हुए, मामले की विवेचना चार सप्ताह में पूरा करने के आदेश दिए हैं. बाबू सिंह कुशवाहा की ओर से दायर याचिका में स्मारक घोटाले में वर्ष 2014 में दर्ज एफआईआर को चुनौती दी गई थी. इस एफआईआर में याची के अधिवक्ता की दलील थी कि विवेचना पिछले लगभग सात सालों से चल रही है, लेकिन अब तक याची के खिलाफ कोई भी महत्वपूर्ण साक्ष्य नहीं मिला है. कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी. घोटाले की जांच कर रही. कोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल करने को कहा था.