लखनऊःउत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) के दो अधिकारियों और कर्मचारियों को मंथली सीजनल टिकट (Monthly Seasonal Tickets) में गबन करना भारी पड़ गया है. अब दो अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी हो गई है. सतर्कता विभाग (Vigilance Department) की जांच में 6 लोगों को दोषी पाए गए हैं. जल्द ही सतर्कता विभाग इन दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगा. परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक धीरज साहू ने इसकी मंजूरी दे दी है.
एमडी ने दी मुकदमा दर्ज करने की सहमति
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के तीन क्षेत्रों में MST में लाखों के घोटाले को लेकर करीब तीन साल पहले निगम प्रशासन ने सतर्कता विभाग को जांच सौंपी थी. शासन ने इस मामले में कार्रवाई के लिए परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र भेजा था. जांच में चार सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, एक लेखाकर और वरिष्ठ केंद्र प्रभारी दोषी पाए गए थे. अब इन सभी अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ अलग-अलग अभियोग में आगे की कार्रवाई करने की सहमति प्रदान कर दी गई है.
यह अधिकारी पाए गए दोषी
साल 2018 में यूपीएसआरटीसी के अयोध्या परिक्षेत्र में एमएसटी के पैसे के गबन का मामला सामने आया था. इस क्षेत्र में एमएसटी के पैसे का रोजाना कोई हिसाब-किताब ही नहीं रखा जाता था. ट्राईमैक्स कंपनी के साथ मिलकर रोडवेज के अधिकारी परिवहन निगम के खाते में एमएसटी के कम पैसे जमा कर रहे थे. इस पूरे मामले की जांच सतर्कता विभाग को सौंपी गई थी. जांच में अयोध्या क्षेत्र के तत्कालीन सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक अविनाश चंद्रा और राकेश मोहन पांडेय दोषी पाए गए हैं. इसी क्षेत्र के दो सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक भी जिम्मेदार हैं. इनमें एआरएम वित्त सुशील कुमार श्रीवास्तव और दीपेंद्र सिंह शामिल हैं. इसके अलावा उन्नाव क्षेत्र के तत्कालीन लेखाधिकारी सूर्यभान शुक्ला व पंकज कुमार तिवारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है.
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