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गोवंश की समस्या पर सरकार सक्रिय, शासन के बड़े अफसरों को दी गई जिम्मेदारी

गोवंश की समस्या पर सरकार सक्रिय हो गई है. सरकार की ओर से 75 जिलों में शासन के सभी अफसरों को भेजकर मानीटरिंग कराने का टास्क दिया है. यह निर्देश चीफ सेक्रेट्री दुर्गाशंकर मिश्र की तरफ से जारी किया गया है.

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Published : Apr 5, 2023, 9:08 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार गोवंश की समस्याओं पर पूरी तरह से सक्रिय हो गई है. एक दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शासन के बड़े अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और निराश्रित गोवंश को शत-प्रतिशत संरक्षण करने के काम को सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद अब शासन स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों में नोडल अधिकारी बनाकर भेजने का निर्देश चीफ सेक्रेट्री दुर्गाशंकर मिश्र की तरफ से जारी किया गया है.


शासन के सभी बड़े अधिकारियों को सभी 75 जिलों में नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है और यह सभी नोडल अधिकारी जिलों में स्थलीय निरीक्षण करेंगे. गांवों की समस्याओं को लेकर मॉनिटरिंग करते हुए सरकार को पूरी रिपोर्ट प्रेषित करने का काम करेंगे. 5 अप्रैल से 7 अप्रैल तक सभी नामित नोडल अधिकारियों को जिलों में जाकर स्थलीय निरीक्षण और गौशालाओं का निरीक्षण कर दस्तावेजों से मिलान करने सहित कई अन्य बिंदुओं पर दिशा निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. जिलों में नोडल अधिकारी बना कर भेजे जाने वाले अधिकारियों को चीफ सेक्रेटरी दुर्गाशंकर मिश्र की तरफ से कहा गया है कि सड़कों पर दिखने वाले आवारा निराश्रित पशुओं को लेकर भी पूरी रिपोर्ट तैयार की जाए और आखिर क्या कारण है कि आवारा पशु सड़कों पर हैं और उन्हें अभी तक गौशालाओं में नहीं भेजा जा सका है.


उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पशु संवर्धन, संरक्षण के लिए सेवाभाव के साथ सतत प्रयासरत है. गोवंश सहित सभी पशुपालकों के प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं. पात्र लोगों को इसका लाभ मिलना सुनिश्चित कराया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा है कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए राज्य सरकार द्वारा निराश्रित गोवंश का संरक्षण करते हुए उनके चारे-भूसे के लिए भी आवश्यक प्रबंध किया गया है. वर्तमान में संचालित 6719 निराश्रित गोवंश संरक्षण स्थलों में 11 लाख 33 हजार से अधिक गोवंश संरक्षित हैं. बीते 20 जनवरी से 31 मार्च तक संचालित विशेष अभियान के तहत 1.23 लाख गोवंश संरक्षित किए गए. यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कोई भी गोवंश निराश्रित न हों.

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