लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी मनोनीत सीटों पर छह नेताओं की घोषणा नहीं कर सकी है. निश्चित तौर पर संगठन के भीतर खींचतान का माहौल है. इसी वजह से सीटों की घोषणा नहीं हो रही है. भाजपा के एमएलसी लक्ष्मण आचार्य सिक्किम के राज्यपाल बने औऱ बनवारी लाल दोहरे का निधन हो गया है. ऐसे में दो सीटें औऱ रिक्त हो गई हैं. विधान परिषद में बजट सत्र सोमवार से शुरू होगा. मानसून सत्र में भी बीजेपी मनोनीत एमएलसी की 6 सीटों को नहीं भर सकी थी . पार्टी ने अभी तक एमएलसी की सीटों पर मनोनीत किए जाने वाले नामों का खुलासा नहीं किया है. इन 6 सीटों पर कौन-कौन से नाम होगें, इसको तय करने के लिए बीजेपी के प्रमुख नेताओं की सांस अधर में अटकी हुई है.
इन रिक्त सीटों पर काबिज होने के लिए कई नेता अपनी-अपनी तैयारी में लगे हैं. कई नेता स्नातक सीटों के लिए भी प्रयास कर रहे हैं. रिक्त सीटों पर मनोनीत किए जाने वाले 6 नामों में एक नाम पश्चिम उत्तर प्रदेश से हो सकता है. पश्चिमी यूपी से शामिल होने वाला नाम पार्टी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की सिफारिश पर होगा. दूसरा नाम संघ का होगा, जो कि महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह की ओर से प्रस्तावित किया जाएगा. इसके अलावा बाकी 4 नाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पसंद के हो सकते हैं. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह और लोक गायिका मालिनी अवस्थी का नाम भी एमएलसी सूची में आने की संभावना है.
UP MLC News : छह महीने से छह एमएलसी नहीं घोषित कर सकी भाजपा, अब संख्या हुई इतनी
भारतीय जनता पार्टी (UP MLC News) के भीतर खींचतान का नतीजा है कि पार्टी छह महीने बाद भी मनोनीत सीटों पर छह नेताओं की घोषणा नहीं कर सकी है. इन 6 सीटों के लिए नाम घोषित करने में बीजेपी की रणनीति भी हो सकती है. बहरहाल भाजपा के एमएलसी लक्ष्मण आचार्य के सिक्किम के राज्यपाल बनने औऱ बनवारी लाल दोहरे के निधन से दो सीटें और बढ़ गई हैं.
दूसरी और अब दो नए नाम भी भाजपा को घोषित करने पड़ेंगे. इन नामों का चयन चुनाव के जरिए किया जाएगा. चुनाव आयोग विधान परिषद की रिक्त की 2 सीटों के लिए जल्द ही कार्यक्रम घोषित करेगा. के आधार पर भाजपा के टिकट जारी करेगी, मगर तय है कि बजट सत्र इन रिक्तियों के साथ ही शुरू होगा. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेई ने बताया कि बहुत जल्द ही मनोनयन के लिए छह नेताओं की घोषणा की जाएगी. जबकि चुनाव के जरिये जो दो एमएलसी चुने जाने उनके लिए चुनाव आयोग बहुत जल्द कार्यक्रम घोषित किया जाएगा. जिसके बाद प्रत्याशी घोषित किए जाएंगे. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक विजय उपाध्याय ने बताया कि सत्ताधारी पार्टी की यह स्ट्रेटजी होती है. वह सीटें रिक्त रख कर आश्वासन में डाले रहती है, ताकि वह पार्टी का काम पूरे जोर-शोर से करते रहें.
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