लखनऊः यूपी में एमएलसी की सीटें खाली होते ही बीजेपी में दो नामों की चर्चा खूब होती है. यूपी में विधान परिषद की रिक्त 12 सीटों के लिए चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन जारी करते ही इस बार फिर पार्टी में दोनों नामों की चर्चा शुरू हो गई है. पार्टी के ज्यादातर कार्यकर्ताओं का इन दोनों नेताओं के प्रति सहानुभूति भी है. लेकिन बार-बार चर्चाओं के बावजूद उनके एमएलसी नहीं बन पाने पर लोगों के मन में सवाल भी उठ रहे हैं.
बीजेपी के 'भारत-लक्ष्मण' का कब खत्म होगा वनवास! - mlc election
यूपी में विधान परिषद की रिक्त 12 सीटों के लिए चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन जारी होते ही बीजेपी में दो नामों की चर्चा तेज हो जाती है. उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रदेश कार्यालय के प्रभारी भारत दीक्षित और कार्यालय सह प्रभारी चौधरी लक्ष्मण का नाम एक बार फिर से चर्चा में है.
इन नेताओं की भी खुल सकती है किस्मत
यूपी बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी को भी पार्टी विधान परिषद भेज सकती है. इनके कार्यकाल में बीजेपी ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत का इतिहास रचा. वाजपेयी के संघर्षों से राज्य की तत्कलीन अखिलेश यादव की कुर्सी हिल गयी थी. डॉ वाजपेयी 2017 में विधान सभा चुनाव हार गए थे. तब से उन्हें कभी राज्यसभा, तो कभी विधान परिषद के लिए इनका नाम लिया जाता है. लेकिन उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ. अब एक बार फिर उनके नाम पर पार्टी में चर्चा हो रही है. उनकी इमानदार छवि होने के नाते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें पसंद करते हैं. इसके अलावा दो और नाम बराबर सुर्खियों में रहता है. लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष संतोष सिंह और दया शंकर सिंह. दयाशंकर सिंह की पत्नी योगी सरकार में मंत्री होने के नाते इनकी उम्मीद कम हो जाती है. लेकिन पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह दावा मजबूत बताया जा रहा है. करीब दो दशक से पार्टी की सेवा में लगे संतोष सिंह की किस्मत इस बार खुल सकती है.
दूसरे नामों पर भी चर्चाएं तेज
इसके अलावा पिछड़े नेताओं में अमरपाल मौर्य काफी प्रभावशाली नेता के रूप में उभर रहे हैं. कार्य कुशलता की वजह से पार्टी ने उन्हें प्रदेश मंत्री से सीधे महामंत्री के पद पर प्रमोट किया है. मौर्य का संगठन के साथ ही पार्टी के कई कद्दावर नेताओं के साथ भी अच्छा तालमेल है. लिहाजा उनके नाम पर सरकार से लेकर संगठन तक के लोग सहमत बताए जा रहे हैं. इसके अलावा अंजुला माहौर, महेश श्रीवास्तव, धर्मेंद्र सिंह, डॉ चंद्रमोहन, हरीश चंद्र श्रीवास्तव, मानवेंद्र सिंह, वीरेंद्र सिंह जैसे नाम शामिल हैं.