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10 साल बाद मिली लापता बच्ची, दोबारा खोली गई फाइल

राजधानी लखनऊ में मोहनलालगंज कोतवाली में 10 साल पहले एक बच्ची की गुमशुदगी का केस दर्ज हुआ था. बच्ची का पता न लगने पर पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाकर फाइल बंद कर दी थी, लेकिन अब 10 साल बाद बच्ची का पता लगने पर फाइल को दोबारा खोल दिया गया है.

10 साल बाद मिली लापता बच्ची.
10 साल बाद मिली लापता बच्ची.

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Published : Dec 6, 2020, 4:42 PM IST

लखनऊ:राजधानी की मोहनलालगंज कोतवाली में 10 साल पहले एक बच्ची की गुमशुदगी का केस दर्ज हुआ था, लेकिन कई महीने तक बच्ची का सुराग न लगने पर पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर फाइल बंद कर दी थी. वहीं, अब बांग्ला बाजार से गायब हुई 10 साल की इस लापता बच्ची के मामले में बंद हुई फाइल को दोबारा से खोल दिया गया है.

पिछले हफ्ते चिनहट से गुमशुदा बच्ची बरामद हुई थी. इस बच्ची को बंधक बनाकर रखा गया था. वहीं, इस मामले में पुलिस अब केस की फाइल को दोबारा से खोलकर फिर से विवेचना करेगी, क्योंकि गुमशुदा बच्ची जो अब व्यस्क हो चुकी है. उसके साथ बाल विवाह, बाल श्रम और मानव तस्करी की आशंका भी जताई गई है. वहीं, पीड़िता का मेडिकल परीक्षण भी कराया जा रहा है. इस मामले में मजिस्ट्रेट के सामने सोमवार को उसका बयान भी दर्ज कराया जाएगा.

बंद फाइल दोबारा खोली गई
10 साल पहले मोहनलालगंज कोतवाली में एक बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी, लेकिन बच्ची का जब सुराग नहीं लगा तो फाइल को बंद कर फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई. पिछले सप्ताह वन स्टॉप सेंटर की मदद से चिनहट में बच्ची को बरामद कर लिया गया. हालांकि, बच्ची अब वयस्क हो चुकी है. वहीं इस मामले में बंद हुई फाइल को दोबारा से खोल कर विवेचना की जा रही है. क्योंकि गुमशुदा युवती के बरामदगी के बाद मानव तस्करी, अवैध सरोगेसी की आशंका भी जताई जा रही है.

वन स्टॉप सेंटर की मैनेजर अर्चना ने पीड़िता के साथ बाल श्रम, बाल विवाह, मानव तस्करी और सेरोगेसी तक का आरोप लगाया है. अर्चना सिंह का कहना है कि पीड़िता जब गायब हुई थी तो उसे बंधक बनाकर काम कराया गया. नाबालिग होते हुए भी उसकी शादी करा दी गई. वहीं, मानव तस्करी की भी आशंका जताई गई है.

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