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पुलिस की वर्दी पहनकर वाणिज्यकर अधिकारी के उड़ाए जेवर, 14 दिन तक थाने का चक्कर लगावाती रही पुलिस

झांसी से ट्रैनिंग के लिए लखनऊ आई वाणिज्यकर अधिकारी के बदमाशों ने जेवर उड़ा दिए. बदमाश फर्जी पुलिसकर्मी बनकर महिला अधिकारी को झांसा देकर फरार हो गए. वहीं, पुलिस ने 14 दिन तक महिला अधिकारी को थाने का चक्कर कटवाया.

fraud with female officer
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Published : Mar 31, 2023, 3:15 PM IST

लखनऊ: झांसी में वाणिज्यकर अधिकारी के पद पर तैनात एक महिला राजधानी में ट्रेनिंग के लिए आई थी. इस दौरान बदमाशों ने झांसा देकर महिला अधिकारी के जेवर उड़ा दिए. इतना ही नहीं घटना के 14 दिन बाद तक अधिकारी एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने के चक्कर लगाती रही. लेकिन, मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. अंत में ट्रेनिंग सेंटर में तैनात डिप्टी कमिश्नर के कहने पर मुकदमा दर्ज किया गया.

इंदिरा देवी ने बताया कि वह झांसी में वाणिज्यकर अधिकारी के पद पर तैनात हैं. विभागीय ट्रेनिंग करने के लिए विभूतिखंड स्थित वाणिज्य कर अधिकारी ट्रेनिंग सेंटर आई थी. 14 मार्च को सुबह वह ट्रेनिंग सेंटर के बाहर स्थित पुलिस चौकी के सामने कुछ सामान लेने गई थी. सामान लेकर वापस आ रही थी. उसी समय रोड की दूसरी तरफ से दो व्यक्तियों ने उन्हें आवाज दी. इनमें से एक व्यक्ति ने सादी ड्रेस में सड़क पर खड़ा था, उसने कहा कि आपको साहब बुला रहे हैं. उन्होंने देखा कि दूसरा व्यक्ति पुलिस ड्रेस में मुंह पर रूमाल बांधे था.

महिला अधिकारी ने बताया कि वो जब उनके पास गई तो उनसे कहा गया कि क्या आपने आज का पेपर नहीं पढ़ा. मैडम अनुपमा का मर्डर हो गया है. इसलिये मुझे सख्त आदेश है कि कोई भी व्यक्ति जेवर पहन कर न घूमे. जिस पर अधिकारी ने ट्रेनिंग सेंटर में पहुंच कर उतरने के लिए कहा, लेकिन पुलिस की वर्दी पहने व्यक्ति ने दबाव डालते हुए उन्हें जेवर उतरवा लिए.

पुड़िया में पत्थर रख अधिकारी को थमायाःवाणिज्यकर अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मियों के दबाव के चलते उन्होंने अंगूठी उतार कर उसे दे दी, जिसे उन लोगों ने एक कागज में लपेट कर वापस कर दिया. इसके बाद उन्होंने अपनी सोने की चेन और कान की बालियां उतार कर अपने पास रख लिया. इसके बाद उन लोगों ने कहा कि मुझे दीजिए मैं कागज में रखकर आपको वापस दे देता हूं. इस पर उन्हें जेवर दे दिए. उन लोगों एक कागज की पुड़िया बनाकर उसे वापस मेरे पर्स में रख दिया. कुछ दूर चलने के बाद जैसे ही उन्होंन कागज खोलकर देखा तो उसमें छोटे-छोटे पत्थर रखे हुए थे.

दस दिन तक चक्कर लगवाती रही पुलिसःवाणिज्यकर अधिकारी ने आरोप लगाया कि 14 मार्च को उनके साथ हुई घटना की जानकारी देने वो घटनास्थल के पास ही मौजूद पुलिस चौकी पर देने गई. लेकिन वह बंद थी. इसके बाद उन्होंने थाने पर शिकायत की. लेकिन जांच करने के नाम पर उन्हें चलता कर दिया गया. इसके बाद भी वो तीन बार शिकायत दर्ज करने को लेकर विभूतिखंड पुलिस से कहती रहीं. लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई. थकहार कर अपने डिप्टी कमिश्नर से घटना के बारे में बताया. इसके बाद विभूतिखंड में मुकदमा दर्ज किया जा सका.

वहीं, विभूतिखंड इंस्पेक्टर राम सिंह ने बताया कि टप्पेबाजी की शिकार हुई वाणिज्यकर अधिकारी ने घटना के दिन सूचना दी थी. जांच करने के बाद अब मुकदमा पंजीकृत किया गया है. सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. इसके आधार पर अपराधियों की तलाश की जा रही है.

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