लखनऊ: सिख अल्पसंख्यकों को भारत ले आने के लिए अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परमिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इसमें उन्होनें मांग की है कि पाकिस्तान में रह रहे सिख अल्पसंख्यकों को भारत लाया जाए. पाकिस्तान में एक सिख लड़की का जबरन धर्मांतरण और फिर निकाह का मामला इस समय सुर्खियों में बना हुआ है. मीडिया में खबरें आने के बाद भारतीय नेताओं ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है.
सरदार परमिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री से पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर हस्तक्षेप की मांग की है. परविंदर सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में पाकिस्तान के ननकाना साहिब में सिख युवती का जबरन धर्म परिवर्तन कराकर इस्लाम कबूल करवाने और फिर निकाह को मानवाधिकार का उल्लंघन बताया है.
जानकारी देते अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य. मामले का संयुक्त राष्ट्र संघ भी ले संज्ञान
अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परमिंदर सिंह ने संयुक्त राष्ट्र संघ से भी उपरोक्त मामले का संज्ञान लेने की बात कही है. पाकिस्तान के विरुद्ध मानवाधिकार उल्लंघन पर सदस्यता से बर्खास्त किए जाने की मांग भी की है. परमिंदर सिंह ने अपने पत्र में पाकिस्तान को आतंक का गढ़ बताते हुए कहा कि वहां मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन हो रहा है. हम भारत सरकार से अपने पत्र के माध्यम से मांग करते हैं कि वहां पर रह रहे अल्पसंख्यकों को जल्द से जल्द भारत लाया जाए.
सिख समुदाय ने झेला है बंटवारे का सबसे बड़ा दंश
अपने पत्र में उन्होंने कहा कि बंटवारे का सबसे बड़ा दंश सिख समुदाय को झेलना पड़ा है. बंटवारे के दौरान पूरा पंजाब पाकिस्तान को सौंप दिया गया. जिसके चलते सिखों के सभी तीर्थ स्थल पाकिस्तान के कब्जे में चले गए. जबरन धर्मांतरण के बारे में बात करते हुए कहा कि जबरन धर्मांतरण कि यह पहली घटना नहीं है. पाकिस्तान में ऐसी घटनाएं आए दिन होती रहती हैं. आयोग के सदस्य ने इस मामले में भारत सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की है.