लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने किसानों की खड़ी फसल से लेकर उसके भंडारण तक के नुकसान को कम करने के लिए फसल सुरक्षा भंडारण के तहत 192 करोड़ से ज्यादा की धनराशि दी है. यह राशि मायावती सरकार के वर्ष 2007 से लेकर 2012 तक के कार्यकाल में फसल सुरक्षा भंडारण के लिए जारी 123 करोड़ की धनराशि से 56 गुना अधिक है. अपने शासन काल में 24 चीनी मिलें बंद करके औने-पौने दाम पर गन्ने को बेचकर गन्ना किसानों की कमर तोड़ने वाले आज घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. ये पलटवार कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती के किसानों को लेकर किए गए ट्वीट (Surya Pratap Shahi statement on Mayawati tweet) पर किया है.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Agriculture Minister Surya Pratap Shahi) ने कहा कि फसल सुरक्षा भंडारण में योगी सरकार हर साल 38 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च कर रही है जबकि मायावती सरकार में करीब 24 करोड़ ही दिए गए. उन्होंने मायावती पर तंज कसते हुए कहा कि किसानों का शोषण करने वाले और उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले झूठी हमदर्दी दिखा रहे हैं. प्रदेश की जनता सब जानती है कि उनका हितैषी कौन है?
कृषि मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार के सुशासन और किसान हितैषी नीतियों-कार्यक्रमों से संतुष्ट किसानों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को अभूतपूर्व समर्थन और स्नेह देते हुए दोबारा सत्तासीन किया है. अपने शासनकाल में चीनी मिलों पर ताला जड़ने वाले आज गन्ने के बकाया मूल्य की बात कर रहे हैं. उन्हें योगी सरकार में किसानों को हुए गन्ने के भुगतान की रकम को गौर से देखना और समझना चाहिये. योगी सरकार ने वर्ष 2017 से अब तक 1 लाख 78 हजार करोड़ से अधिक गन्ने का भुगतान किया है जो मायावती प्रशासन काल से तीन गुने से अधिक है. कृषि मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार एमएसपी पर किसानों से गेहूं, धान के साथ मक्का भी खरीद रही है, जबकि मायावती सरकार में किसानों से एमएसपी पर सिर्फ गेहूं और धान ही खरीदा जाता था.