लखनऊ: जिस वन नेशन-वन इलेक्शन प्रोग्राम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी दलों के साथ चर्चा करने जा रहे हैं, अगर उस पर आम सहमति बनी तो प्रदेश समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव 2024 में लोकसभा के साथ होंगे. ऐसे में यूपी की योगी सरकार को सात साल तक काम करने का मौका मिल सकेगा.
वन नेशन-वन इलेक्शन मसौदे की जानकारी देते सिद्धार्थनाथ सिंह. वन नेशन-वन इलेक्शन का मसौदा तैयार करने वाली कमेटी के चेयरमैन योगी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह हैं. कमेटी में भारत सरकार के पूर्व सचिव विजय शर्मा, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुज कुमार विश्नोई, लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बलराज चौहान, सेवानिवृत्त जिला जज विजय वर्मा, उत्तर प्रदेश सरकार के सेवानिवृत्त विशेष सचिव विधि मनोहर लाल और राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ के एसोसिएट प्रोफेसर एसके तिवारी सदस्य रहे हैं.
टल सकते हैं कई राज्यों का चुनाव
इस कमेटी ने 31 दिसंबर 2021 को कट ऑफ डेट घोषित करने का सुझाव दिया है. यानी इस तारीख के बाद जिन भी राज्यों में विधानसभा के चुनाव होंगे, वहां पर 2024 में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. अगर ऐसा होता है तो 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव भी टालने पड़ेंगे. इस तरह से योगी सरकार को सात साल तक काम करने का मौका मिल सकेगा.
त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति पर कमेटी ने बनाया प्लान
सिद्धार्थनाथ सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन प्रोग्राम से देश की जनता को बड़ा फायदा मिलेगा. इलेक्शन पर होने वाले भारी भरकम खर्च को कम किया जा सकेगा. इससे जो सरकारी राजस्व बचेगा, वह विकास कार्यों में इस्तेमाल हो सकेगा. उन्होंने यह भी बताया कि त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति में भी कमेटी ने विचार किया है. ऐसा होने पर लोकसभा के चुनाव तो दोबारा कराए जा सकते हैं, लेकिन विधानसभा के चुनाव दोबारा नहीं होंगी.