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औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में भूमि आवंटन की ऑनलाइन सुविधा: सिद्धार्थ नाथ

मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने यूपी-यूएस सर्विस समिट में वर्चुअल माध्यम से उद्यमियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की तरह ईज ऑफ लिविंग को बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया है.

up-us service summit in lucknow
मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह

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Published : Nov 10, 2020, 3:21 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निवेश एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश में ईज ऑफ डूईंग बिजनेस की तरह ईज ऑफ लिविंग को बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया है. प्रदेश में निवेश को बढ़ाने ईज ऑफ लिविंग के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार तथा अवस्थापना सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए खासतौर फोकस किया जा रहा है.

यूपी-यूएस सर्विस समिट में बोले मंत्री
एमएसएमई मंत्री सोमवार को अपने आवास पर इंडो-अमेरिकन चैम्बर ऑफ कामर्स द्वारा आयोजित यूपी-यूएस सर्विस समिट में वर्चुअल माध्यम से उद्यमियों को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने और उद्यमियों की सुविधा के लिए तमाम प्रकार के रिफार्म लागू किये गये हैं. ऑनलाइन सुविधाओं पर विशेष प्राथमिकता दी गई. उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश के प्रति अनुकूल माहौल तैयार कराया गया है. साथ ही प्रदेश की कानून व्यवस्था अच्छी होने से उद्यमियों में विश्वास की भावना बढ़ी है.

औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में भूमि का ऑनलाइन आवंटन
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि सिंगल विन्डों पोर्टल निवेश मित्र के माध्यम से सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में भूमि का ऑनलाइन आवंटन तथा प्राधिकरणों के जियोग्राफिक इन्फार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) पोर्टल को भारत सरकार के औद्योगिक इन्फार्मेशन सिस्टम के साथ जोड़ा गया है. इसी प्रकार एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप के लिए मिश्रित भूमि उपयोग को अनुमति देने के लिए नियमावली में आवश्यक संशोधन भी किया गया है. औद्योगिक भूमि के लिए एफएआर को भी बढ़ाया गया है.

आवेदन के 45 दिन के अंदर कृषि भूमि को गैर कृषि भूमि घोषित
एमएसएमई मंत्री ने यह भी कहा कि उद्योगों को अपनी अतिरिक्त भूमि को उपविभाजित करने की अनुमति देने के लिए नीति को अधिसूचित किया गया. भूमि को गैर कृषि भूमि घोषित करने के लिए आवेदन के 45 दिन के अंदर निस्तारित करने की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि भूमि की ब्लाकिंग को हतोस्ताहित करने के उद्देश्य से उप्र औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम 1976 को संशोधित किया गया है। ताकि ऐसी आवंटित भूमि का निस्तारण किया जा सके, जिसे पांच वर्षों तक उपयोग में नहीं लाया गया है.

आवेदन की तिथि से 15 दिन में भूमि आवंटन
सीलिंग सीमा से अधिक भूमि खरीद को सरल बनाने के लिए राजस्व संहिता में संशोधन किया गया तथा अनुमोदन का अधिकार जिला स्तर पर दिया गया है. इसके साथ ही सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को निर्देश दिए गये हैं कि वे मेगा तथा अन्य श्रेणी के उद्योगों को आवेदन की तिथि से 15 दिन के अन्दर भूमि उपलब्ध करायें.

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