लखनऊ :उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने क्षेत्रीय प्रबंधकों एवं परिवहन विभाग के संभागीय अधिकारियों की समीक्ष बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनता की सेवाओं से जुडे़ मामले सात कार्यदिवसों में निपटाएं, आनवश्यक आनपत्ति नहीं लगनी चाहिए. नागरिक सेवाओं से जुड़ी जितनी सेवाओं को ऑनलाइन किया जा सकता है, उनको ऑनलाइन करें. अधिकारियों से चेतावनी भरे लहजे में परिवहन मंत्री ने कहा कि वे खुद से अपने काम में सुधार कर लें नहीं तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे.
राज्यमंत्री ने पंजीयन से संबंधित मुद्दे पर विभागीय अधिकारियों से रिपोर्ट प्राप्त की. खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगली बैठक तक प्रदर्शन सुधार लें नहीं तो आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि आरटीओ कार्यालय से बाहरी व्यक्तियों के हस्तक्षेप की शिकायतें आती रहतीं हैं. इस प्रकर की कोई शिकायत बर्दाशत नहीं की जाएगी. बाहरी व्यक्तियों का हस्तक्षेप बंद करें. डीएल के सरलीकरण की कार्रवाई चल रही है. परमानेंट डीएल बनवाने की प्रक्रिया को भी आसान करने की दिशा में कार्य करें.
परिवहन मंत्री ने कहा कि जनता को अधिक से अधिक परिवहन सुविधाएं आसान रूप में मिलें जिससे कि परिवहन विभाग की एक अच्छी छवि जनता के बीच प्रस्तुत की जा सके. ओवरलोडिंग की शिकायतों को बंद करें. कहा कि सड़क सुरक्षा मुख्यमंत्री की प्रथम प्रथामिकता है. स्कूल वाहनों को नोटिस जारी करें कि 15 दिन के भीतर सभी वाहन अपना फिटनेस टेस्ट कर लें. ऐसा न करने वालों के खिलाफ परमिट निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी. परिवहन मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि वाणिज्यिक वाहन सड़क पर इधर-उधर न खडे़ रहें. यातायात विभाग से सहयोग प्राप्त कर परिवहन विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि वाणिज्यिक वाहन सड़क पर न खडे़ हो सकें. इससे यातायात सुविधाओं में समस्या आती है और जाम की स्थिति बनती है.
पढ़ेंः लखनऊ मेट्रो के सुपर सेवर कार्ड से 1400 रुपये में करें 30 दिन तक अनलिमिटेड यात्रा