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उत्तर प्रदेश की तकनीकी शिक्षा मंत्री कमलरानी वरुण की कोरोना से मौत

यूपी की तकनीकी शिक्षा मंत्री कमलरानी वरुण की कोरोना से मौत हो गई. कमलरानी वरुण ने बूथ पर घूंघट में मतदाता पर्ची काटने से राजनीति की सीढ़ी चढ़नी शुरू की थी और सांसद-विधायक बनने के साथ प्रदेश की मंत्री तक का सफर तय किया था. सीएम योगी ने उनके निधन के बाद अपना अयोध्या दौरा रद्द कर दिया है.

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Published : Aug 2, 2020, 10:21 AM IST

Updated : Aug 2, 2020, 1:22 PM IST

उत्तर प्रदेश की तकनीकी शिक्षा मंत्री कमलरानी वरुण की कोरोना से मौत
उत्तर प्रदेश की तकनीकी शिक्षा मंत्री कमलरानी वरुण की कोरोना से मौत

उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण का निधन हो गया है. वो यूपी विधानसभा की सदस्य थीं. इससे पहले वे सांसद भी रह चुकी थीं. कमलरानी वरुण यूपी सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थीं. कमल रानी वरुण कोरोना से संक्रमित थीं और लखनऊ के पीजीआई में उनका इलाज चल रहा था.

कमलरानी वरुण का राजनीतिक सफर
वर्ष 1989 में भाजपा की टिकट पर द्वारिकापुरी वार्ड से पार्षद बनकर कमलरानी वरुण ने राजनीति में कदम रखा था. कमलरानी वरुण ने बूथ पर घूंघट में मतदाता पर्ची काटने से राजनीति की सीढ़ी चढ़नी शुरू की और सांसद-विधायक बनने के साथ प्रदेश की मंत्री तक का सफर तय किया था. बाद में मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली थी.

तकनीकी शिक्षा मंत्री कमलरानी वरुण की कोरोना से मौत

लखनऊ में 3 मई 1958 को जन्मी कमलरानी वरुण की शादी एलआईसी में प्रशासनिक अधिकारी किशन लाल वरुण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतिबद्ध स्वयंसेवक से हुई थी. बहू बनकर कानपुर आईं कमलरानी ने पहली बार 1977 के चुनाव में बूथ पर मतदाता पर्ची काटने के लिए घूंघट में घर की दहलीज पार की. समाजशास्त्र से एमए कमलरानी को पति किशनलाल ने प्रोत्साहित किया तो वह आरएसएस द्वारा मलिन बस्तियों में संचालित सेवा भारती के सेवा केंद्र में बच्चों को शिक्षा और गरीब महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई और बुनाई का प्रशिक्षण देती थीं.

वर्ष 1989 में भाजपा ने उन्हें शहर के द्वारिकापुरी वार्ड से कानपुर पार्षद का टिकट दिया था. चुनाव जीत कर नगर निगम पहुंची कमलरानी 1995 में दोबारा उसी वार्ड से पार्षद निर्वाचित हुई थीं. भाजपा ने 1996 में उन्हें उस घाटमपुर (सुरक्षित) संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. अप्रत्याशित जीत हासिल कर लोकसभा पहुंची कमलरानी ने 1998 में भी उसी सीट से दोबारा जीत दर्ज की थी. वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्हें सिर्फ 585 मतों के अंतराल से बसपा प्रत्याशी प्यारेलाल संखवार के हाथों पराजित होना पड़ा था. सांसद रहते हुए कमलरानी ने लेबर एंड वेलफेयर, उद्योग, महिला सशक्तिकरण, राजभाषा व पर्यटन मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समितियों में रहकर काम किया था.


वर्ष 2012 में पार्टी ने उन्हें रसूलाबाद (कानपुर देहात) से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा लेकिन वह जीत नहीं सकी. 2015 में पति की मृत्यु के बाद 2017 में वह घाटमपुर सीट से भाजपा की पहली विधायक चुनकर विधानसभा में पहुंची थीं.

सीएम योगी ने जताया शोक

सीएम योगी ने ट्वीट करते अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं. उन्होंने लिखा कि उत्तर प्रदेश सरकार में मेरी सहयोगी, कैबिनेट मंत्री श्रीमती कमल रानी वरुण जी के असमय निधन की सूचना, व्यथित करने वाली है. प्रदेश ने आज एक समर्पित जननेत्री को खो दिया. उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें.

कमल रानी वरुण घाटमपुर,कानपुर नगर से विधायक थीं. इससे पूर्व वरुण 11वीं और 12वीं लोकसभा की सदस्य थीं. शनिवार सुबह 9.30 बजे कमलरानी वरुण का एसजीपीजीआई में इलाज के दौरान निधन हो गया.

राज्यपाल ने जताया शोक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल की आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश की प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया है. राज्यपाल ने कहा कि कमल रानी का अचानक निधन स्तब्धकारी है. वो लोकसभा के सदस्य के रूप में काफी सक्रिय रहीं. राज्यपाल ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना एवं सहानुभूति व्यक्त की है.

बसपा प्रमुख मायावती ने जताया शोक
उत्तर प्रदेश की प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी की कोरोना संक्रमण से मौत की खबर अति-दुःखद व काफी चिन्ताजनक भी है. इस दुःखद मौत को देखते हुए केन्द्र और राज्य सरकार दोनों को ही यूपी में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप की रोकथाम आदि के मामले में अति-गंभीर होने की जरूरत है.

Last Updated : Aug 2, 2020, 1:22 PM IST

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