लखनऊ : राजधानी में सैन्य डॉक्टरों की टीम ने पोस्ट कोविड ब्लैक फंगस से ऊपरी जबड़े के गायब होने की दशा में 3डी प्रिंटेड मेक इन इंडिया इम्प्लांट प्रोस्थेसिस के साथ जबड़े को पुनर्स्थापित करने में सफलता प्राप्त की है. 37 वर्षीय एक महिला जिसे गोरखपुर से लखनऊ के मध्य कमान अस्पताल रेफर किया गया था. उसके जबड़े को पुनर्स्थापित करने में मध्य कमान अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम ने सफलता हासिल की है. मध्य कमान के जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह और द्वारिका प्रसाद ने यह जानकारी दी है.
उन्होंने बताया कि 'हमारे देश में कोरोना वायरस की विनाशकारी दूसरी लहर देखी गई और बड़ी संख्या में ब्लैक फंगस या नाक और ऊपरी जबड़े के म्यूकोर्मिकोसिस संक्रमण सहित पोस्ट-कोविड केस सामने आए. इस जीवन-घातक फंगल संक्रमण का उपचार आक्रामक सर्जिकल क्षत-विक्षतीकरण है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर ऊपरी जबड़ा आंशिक या पूर्ण रूप से हटा दिया जाता है. एक 37 वर्षीय महिला को पोस्ट कोविड-19 ब्लैक फंगस संक्रमण के प्रबंधन के लिए 15 जून 2021 को वायु सेना अस्पताल गोरखपुर से कमान अस्पताल लखनऊ में स्थानांतरित किया गया था. मरीज के ऊपरी जबड़े (मैक्सिला) के दाहिने आधे हिस्से को सर्जिकल रूप से हटाने और आक्रामक एंटीफंगल थेरेपी के लिए ईएनटी और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग की विशेषज्ञ टीम ने उसका प्रबंधन किया था. इसके परिणामस्वरूप नाक गुहा और मौखिक गुहा के बीच संचार में सर्जिकल अवशिष्ट दोष हो गया और ऊपरी जबड़े के दाहिनी ओर के सभी दांत नष्ट हो गए. इससे महिला की वाणी, चबाने और सांस लेने में गंभीर परेशानी होने लगी. इस दौरान मरीज को एक पारंपरिक ऐक्रेलिक ऑबट्यूरेटर डेन्चर प्रदान किया गया, लेकिन मरीज संतुष्ट नहीं थी क्योंकि यह डेन्चर टिक नहीं पा रही थी और पकड़ की कमी के कारण ढीली पड़ गई थी.'