लखनऊ: प्रदेश भर में लोगों के दौरान आश्रय स्थल और शेल्टर होम में रह रहे प्रवासी मजदूरों को मानसिक तनाव से बचाने के लिए स्वास्थ विभाग ने एक अनोखी पहल की है. इसके तहत अब इन सभी प्रवासी मजदूरों के मानसिक तनाव को खत्म करने के लिए सभी सीएमओ और सीएमएस को काउंसलिंग कराने के निर्देश दिए गए.
मानसिक तनाव को दूर करने की तैयारी
मजदूर किसी बीमारी या तनाव का शिकार न हों, इसको लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के महानिदेशक उत्तर प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिशा निर्देश दिए हैं.
लॉकडाउन: मजदूरों को मानसिक तनाव से बचाने के लिए होगी काउंसलिंग
लॉकडाउन के दौरान यूपी आश्रय स्थल या शेल्टर होम में रह रहे प्रवासी मजदूरों को मानसिक तनाव से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग अनोखी पहल की है. इन मजदूरों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए उनकी काउंसिलिंग की जाएगी.
साइकेट्रिक सोशल वर्कर की ली जाएगी मदद
इस कार्य के लिए जिले में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत तैनात साइकेट्रिस्ट, क्लिनिकल, साइकोलॉजिस्ट और साइकेट्रिक सोशल वर्कर की मदद ली जाएगी. इस निर्देश के तहत जिन जनपदों में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संसाधन उपलब्ध नहीं है. वहां पर राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम और प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट स्कीम (पीसीडीएस) कार्यक्रम में तैनात क्लीनिकल, साइकोलॉजिस्ट काउंसलर और साइकोलॉजिस्ट की सेवाएं ली जाएंगी. लॉकडाउन के दौरान शेल्टर होम में काउंसलिंग कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिए आवागमन की व्यवस्था करने के भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं.