लखनऊ: मौसम में बदलाव के साथ ही सांस संबंधी रोगियों की परेशानियां भी बढ़ने लगती हैं. इनमें अस्थमा जैसी बीमारी सर्दियों में काफी अधिक परेशान करती है. ऐसे में ईटीवी भारत ने कुछ विशेषज्ञों से बातचीत की और जानने की कोशिश की कि बच्चों और बड़ों में अस्थमा के लिए इनहेलर्स कितने फायदेमंद हो सकते हैं और सर्दी के मौसम में अस्थमा रोगियों को क्या बचाव करने की जरूरत है.
अस्थमा की परिभाषा जानने की कोशिश की जाए तो सांस के रोगों के एक्सपर्ट डॉक्टर ए. के. सिंह कहते हैं कि अस्थमा कोई बीमारी नहीं है, यह एक शारीरिक अवस्था है. इस अवस्था को हम पूरी तरह नियंत्रण में ला सकते हैं और एक सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं.
50 में एक बच्चा होता है अस्थमा से पीड़ित
बच्चों में अस्थमा की बढ़ती दरों के बारे में राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की पीडियाट्रिक्स विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर शीतांशु कहती हैं कि हमारी हर रोज की ओपीडी में एक नया बच्चा अस्थमा का रोगी होता है. ऐसे में हम कह सकते हैं कि 50 में एक बच्चा हर रोज नया पेशेंट डायग्नोज किया जाता है.
ये है अस्थमा का कारण
अगर कारणों की बात की जाए तो डॉक्टर शीतांशु कहती हैं कि बच्चों में अस्थमा होने का एक बहुत बड़ा कारण स्मोक एक्सपोसर होता है. आजकल छोटे-छोटे बच्चों में अस्थमा की बीमारियां अधिक देखने को मिल रही है और यह दर लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि मैटरनल स्मोक एक्स्पोजर इसका कारण हो सकता है. यदि गर्भावस्था में मां धूम्रपान करती हैं या फिर पिता धूम्रपान करते हैं तो इसका सीधा असर नवजात पर हो सकता है. इसके अलावा आजकल इन्फेक्शन कम होता जा रहा है और एलर्जी बढ़ रही है इस वजह से भी अस्थमा के रोगी बढ़ते जा रहे हैं.