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दीक्षांत सामरोह में डिग्री और मेडल पाकर खिले प्राविधिक विश्वविद्यालय के मेधावियों के चेहरे - मेधावियों

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अलग-अलग पाठ्क्रमों के 48348 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं. स्नातक के 92 और एमटेक, एमफार्मा और एमआर्क के 9 मेधावियों को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक दिया गया. 81 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई. साथ ही विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र रहे लोगों को विशिष्ट भूतपूर्व छात्र पुरस्कार भी दिया गया.

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Published : Nov 26, 2022, 4:02 PM IST

Updated : Nov 26, 2022, 9:39 PM IST

लखनऊ: डॉ एपीजे अब्दुल कलाम (Dr APJ Abdul Kalam technical university) प्राविधिक विश्वविद्यालय के 20वां दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित हुआ. दीक्षांत समारोह में अलग-अलग पाठ्क्रमों के 48348 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई. साथ ही स्नातक के 92 और एमटेक, एमफार्मा और एमआर्क के 9 मेधावियों को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक दिया गया. जबकि 81 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई. साथ ही विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र रहे लोगों को विशिष्ट भूतपूर्व छात्र पुरस्कार भी दिया गया. वहीं बीटेक के 31309, बीफार्मा के 5447, बीएचएमसीटी के 200, बीआर्क के 268, बीएफएडी के 57, बीडेस के 19, एमबीए के 8273, एमसीए के 2571, एमबीए आइएनटी के 52, एमसीए आइएनटी 40, पीएचडी के 86, बीवीवोसी के 16 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई.

समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Chancellor and Governor Anandiben Patel) ने सभी मेधावियों का हौसला बढ़ाया. राज्यपाल ने कहा दीक्षांत दीक्षा का अंत नहीं बल्कि हर छात्र की जिंदगी में एक नई उड़ान है. राज्यपाल ने इस दौरान डिग्री पाए भावी इंजीनियर छात्रों से अपील करते हुए कहा कि जो भी तकनीक विकसित करें वह आम आदमी तक पहुंच में होनी चाहिए. जिससे उसका अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि आज बेटियां भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई में पीछे नहीं हैं. राज्यपाल ने कहा कि आप सभी जीवन में सत्य का आचरण करने का संकल्प लें और ‘सत्यमेव जयते‘ को अपना ध्येय वाक्य बनाए क्योंकि आचार-विचार एवं सोच बहुत मायने रखती है। उन्होंने कहा कि आप कहीं भी कार्यरत हों ईमानदारी से कार्य करें और इसकी प्रेरणा अन्य लोगों को भी दें. उन्होंने कहा कि आपके माता-पिता आपके सबसे बड़े आदर्श हैं. उन्हें कभी भी नहीं भूलें, उन्होंने आपको इस लायक बनाया. उनके समर्पण को समझें और माता-पिता के सम्मान को हमेशा बनाए रखें. राज्यपाल ने वृद्धाश्रम भ्रमण का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी शिक्षा कोई महत्व नहीं रखती, जो अपने वृद्ध माता-पिता को वृद्धाश्रम भेज दें. उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं से संकल्प लेने का आवह्न किया और कहा कि हर हाल में अपने माता-पिता की सेवा करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे देश का नवाचार अर्थशास्त्र और उपयोगिता का बड़ा मिश्रण है. भारत में स्टार्टअप के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, हेल्थ केयर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य बहुत से क्षेत्र हैं. इन सभी स्टार्टअप को विशिष्ट भारतीय ब्रांड का सृजन करना चाहिए.

दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि (guest of honor) प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल (Technical Education Minister Ashish Patel) ने कहा कि भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर विश्वविद्यालय है इसलिए शिक्षकों का दायित्व बनता है कि अब्दुल कलाम के नाम का सम्मान बनाएं रखें. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार हुआ है. उन्होंने उपाधियाँ प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं से अपील की कि वे लोकहित के कार्य में लगे तथा जहां पर भी आप कार्य करें. दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि जायडस लाइफ साइंस लिमिटेड के अध्यक्ष पंकज आर पटेल (Chief Guest Pankaj R Patel, Chairman, Zydus Life Science Ltd.) ने कहा कि ये दौर नवाचार और उद्यमिता का है. पूरी दुनिया इस ओर अग्रसर हुई है. कई देशों ने उद्यमिता और नवाचार की दम पर अपनी पूरी अर्थव्यवस्था को बदल दिया है. रोजगार के असीम द्वार खुले हैं. भारत भी इस दिशा में तेजी से कदम बड़ा रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश का युवा हमेशा रोजगार के बारे में ही सोचता है, ये सोच आपको बदलनी होगी. आपको नौकरी लेने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनना चाहिए. इसलिए आप सभी को नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना चाहिए. प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा सुभाष चंद्र शर्मा (Principal Secretary Technical Education Subhash Chandra Sharma) ने भी कार्यक्रम में संबोधित किया.


इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्रा (Vice Chancellor Professor Pradeep Kumar Mishra) ने कहा कि छात्र हित में विश्वविद्यालय प्रगति की ओर है. विश्वविद्यालय में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा दिया गया है. साथ ही सभी पाठ्यक्रमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत फोकस किया गया है. प्लेसमेंट सेल को भी पहले अब अधिक एक्टिव किया गया है. साथ ही देश की नामी कंपनियों को भी प्लेसमेंट सेल से जोड़ा गया है ताकि इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले छात्रों के रोजगार का रास्ता आसान हो सके. समारोह के दौरान आईआईटी कानपुर के सहयोग से स्नातक छात्रों को डिजिटल डिग्रियां वितरित की गईं. इस दौरान ब्लॉकचैन तकनीक का विशेष तौर इस्तेमाल किया गया. इस बारे में विश्वविद्यालय के प्रवक्ता पवन त्रिपाठी ने बताया कि ये डिजिटल डिग्रियां स्व-संप्रभु पहचान, सत्यापन योग्य साख, सूचना के चयनात्मक प्रकटीकरण और शून्य-ज्ञान प्रमाण प्रणाली की विशेषताओं से सुसज्जित हैं, जो उन्हें विश्व स्तर पर अक्षम्य और आसानी से सत्यापित करने योग्य बनाती हैं.


इन 86 छात्रों को मिली पीएचडी की उपाधि :कविता दुबे, प्रीती शर्मा, विवेक गुप्ता, अलका वर्मा, शिव कुमार श्रीवास्तव, तुषारकांत मिश्रा, अशोक यादव, उमेश कुमार त्रिपाठी, दीपक कुमार, मोहित कुमार, अग्रवाल दिव्या सक्सेना, रिचा तिवारी, गाजी मो० सवूद, किरन सिंह, सूर्य भूषण दुबे, विनोद कुमार, प्रदीप कुमार गुप्ता, आनंद प्रकाश राय, अनूपम सिंह रमेश वर्मा कुमार, नसीम फातिमा, शिप्रा अग्रिहोत्री संजीव कुमार राम, रेनू कुमारी, भावना पांडेय, सपना अस्थाना, बृजेश मिश्रा, कृष्ण कान्त भारतीय, दिव्या त्रिपाठी, ज्योति गुलानी, रोहन सागर, सपना यादव, डॉली शर्मा, नेहा राणा, माहिमा शंकर पांडेय, वरुण कुमार, आदित्य दीक्षित, धीरज टन्डन, अरुण कुमार सिंह, समिता रानी, इलामैची एन, शशांक गोयल, अन्शू गौड़, हृदयानंद सिंह, अनुराग शुक्ला, विनय कुमार, सुनाद्रा कपूर, प्रीति वर्मा, अमित कुमार दास, आदित्य सिंह, तबू श्रीवास्तव, हिमानी ग्रोवर, तनू, अजय कुमार, सिंह, आशुतोष मिश्रा, रजनीश कुमार सिंह अजितेश कुमार, हर्ष खट्टर, श्रद्धा वर्मा, मानिशा यादव, तृप्ति चौहान, मिथिलेश कुमार कोइरी, विनीत दुबे, बृजेश पांडेय, पूजा श्रीवास्तवा, निशि गुप्ता, सलोनी मिश्रा, शिल्पा सेवक, अनिता पाल, सुदीप बनर्जी, विनय तिवारी, ब्रजमोहन शर्मा, अबरार अहमद, प्रनति श्रीवास्तव, नीरज नाथ तिवारी, कमल सिंह, मो० तसलीम, एस-निशात फातिमा रिजवी, नेहा कटियार, श्रद्धा अमेय फड़के, अपूर्वा श्रीवास्तव, अपर्णा सिंह, सुरभी गुप्ता, घनश्याम सिंह रामेन्द्र सिंह निरंजन, धीरेन्द्र सिंह को पीएच डी की उपाधि प्रदान की गई.

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Last Updated : Nov 26, 2022, 9:39 PM IST

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