लखनऊ: तनाव, अवसाद और अन्य कारणों से देश और दुनिया में मानसिक रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. मनोरोग का समय पर इलाज चुनौती बना हुआ है. इन रोगियों के इलाज की बेहतर व्यवस्था के लिए कोर्ट तक को आदेश जारी करना पड़ा. लिहाजा, यूपी में जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी तक उपचार का नेटवर्क खड़ा कर दिया गया है. इसके विशेषज्ञों की कमी के चलते एमबीबीएस डॉक्टरों को 'बेसिक ट्रीटमेंट ट्रेनिंग' देकर एक फौज तैयार कर दी गई है.
स्टेट मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के नोडल ऑफिसर डॉ. सुनील पांडेय के मुताबिक राज्य में मानसिक रोग विशेषज्ञों की कमी है. वहीं मनोरोग संबंधी समस्याएं दिनों दिन बढ़ रही हैं. पोस्ट कोविड के मरीजों में भी यह समस्या उभर कर सामने आ रही है. साथ ही लॉकडाउन, महामारी का भय, भविष्य की चिंताओं ने भी लोगों में तनाव, अवसाद बढ़ा दिया है. ऐसे में आमजन का मेंटल हेल्थ बेहतर रहे, इसके लिए स्थानीय स्तर पर ही इलाज मिल सकेगा. स्वास्थ्य विभाग ने सीएचसी पर तैनात एमबीबीएस डॉक्टरों को मनोरोग के बेसिक ट्रीटमेंट की ट्रेनिंग देकर दक्ष बनाया है.
चार हायर सेंटर पर हुई ट्रेनिंग
प्रदेश में मनोरोग के चार हायर सेंटर हैं. ये केजीएमयू लखनऊ, बनारस, आगरा और बरेली के मेंटल हेल्थ हॉस्पिटल हैं. इन पर 30-30 के बैच में 750 एमबीबीएस डॉक्टरों को एक माह की बेसिक ट्रीटमेंट ट्रेनिंग दी गई है. शेष 100 बची सीएचसी के डॉक्टरों की भी चरणवार ट्रेनिंग जारी है.