लखनऊ : ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना कल्बे सादिक पूरी दुनिया में अपनी उदारवादी छवि के लिए जाने जाते हैं. 22 जून 1939 को पैदा हुए इस शिया धार्मिक नेता का पूरा नाम कल्बे सादिक साहब किबला था. उनकी शिक्षा-दीक्षा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय से हुई.
मौलाना कल्बे सादिक शिया समुदाय के वैश्विक नेताओं में शुमार थे. उन्होंने अपने बयानों से हमेशा सर्व धर्म सद्भाव की वकालत की. हालांकि वह अल्पसंख्यक समुदाय के हक के लिए भी अपनी राय रखते रहे. जनवरी में उन्होंने लखनऊ के घंटाघर में चल रहे अंदोलन में हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश मोदी-शाह की मर्जी से नहीं, संविधान से चलेगा. इसके अलावा भी उनके कई बयान सुर्खियों में रहे. उन्होंने मुस्लिम समाज से जुड़े सवालों पर बेबाक राय रखी थी.
'यदि आप नमाज पढ़ रहे हों और करीब की नदी में कोई हिंदू डूब रहा हो तो नमाज छोड़कर डूबते हिंदू को बचाना भी जेहाद है.'
(6 जनवरी 2017, मुजफ्फरनगर की एक सभा में)
'इस्लाम को मानने वाला कभी दहशतगर्द नहीं हो सकता.'
(2011 को लखनऊ की एक संगोष्ठी में)