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किसान परेशान, सरकार नहीं दे रही ध्यान: कांग्रेस - newly appointed office bearers of kisan congress

राजधानी लखनऊ में बुधवार को उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस के नवनियुक्त पदाधिकारियों की बैठक हुई. जिसमें संगठन के नेताओं ने बीजेपी सरकार को किसानों का विरोधी बताते हुए उसे सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया.

meeting of uttar pradesh kisan congress
उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस की बैठक

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Published : Nov 19, 2020, 6:46 AM IST

Updated : Nov 19, 2020, 10:12 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश पदाधिकारियों एवं जिला अध्यक्षों की पहली बैठक बुधवार को राजधानी लखनऊ में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई. किसान कांग्रेस उत्तर प्रदेश मध्यजोन के चेयरमैन तरुण पटेल ने इस बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी मौजूद रहे.


इस तरह अब होगी बैठक

बैठक में किसान कांग्रेस उत्तर प्रदेश मध्यजोन के उपाध्यक्षों, महासचिवों व सचिवों को कार्य एवं प्रभार क्षेत्र का वितरण किया गया. उपाध्यक्षों को एक-एक मंडल, महासचिवों को दो-दो जनपद और सचिवों को एक-एक जनपद का प्रभार सौंपा गया. साथ ही जिलाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि 20 दिसम्बर तक जिला, तहसील और ब्लॉक कमेटियों को तैयार कर अपनी-अपनी कमेटियों को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर किसान कांग्रेस को सौंप दें. बैठक में तय किया गया कि किसान कांग्रेस की हर सप्ताह जिला एवं प्रदेश पदाधिकारियों की प्रदेश नेतृत्व के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक होगी. इसके साथ ही हर पखवाड़े पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की लखनऊ मुख्यालय में बैठक और प्रदेश पदाधिकारियों व जिला पदाधिकारियों की प्रत्येक माह के दूसरे सप्ताह में लखनऊ में बैठक की जाएगी. इसके अलावा बैठक में 'किसान हक की जो बात करेगा वही यूपी और देश पर राज करेगा' का नारा दिया गया. साथ ही कांग्रेस नेताओं ने सीएम योगी और पीएम मोदी को किसान विरोधी बताते हुए उन्हें सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया.

'नये कृषि कानूनों ने तोड़ दी किसानों की कमर'

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने किसान कांग्रेस के पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा लाये गये तीन काले कृषि कानूनों ने उत्तर प्रदेश के किसानों की कमर तोड़ दी है. पूरी खेती को कॉरपोरेट घरानों के हाथों में कर दिया गया है. पहले से ही आत्महत्या कर रहे किसान नए कानूनों के लागू हो जाने के बाद बड़े पैमाने पर खुदकुशी करने के लिए मजबूर होंगे. बढ़ी हुई बिजली की दरें, यूरिया, डीपीए के आसमान छूते दाम, कृषि उपज की एमएसपी से कम पर खरीद ने छोटे किसानों को बर्बादी के कगार पर खड़ा कर दिया है.


आवारा पशुओं से परेशान हैं किसान

किसान कांग्रेस मध्यजोन के अध्यक्ष तरुण पटेल ने कहा कि आवारा पशुओं की समस्या से किसान बेहाल और परेशान है. रात भर खेती की रखवाली कर रहा है. सड़कों पर आवारा पशुओं से लोग चोटिल हो रहे हैं. आवारा पशुओं से खेती को बचाने के लिए बाड़ लगाना पड़ रहा है. गौशालाओं में गायों की दुर्दशा है. धरती पर गौशालाएं नर्क की तरह हैं. गौमाताएं तिल-तिल कर मर रही हैं.

Last Updated : Nov 19, 2020, 10:12 AM IST

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