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अंग और ऊतक दान के लिए SGPGI में मंथन, पुलिस अफसर भी हुए शामिल

एसजीपीजीआई में राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम (NOTP) के तहत मानव अंगों को हटाने, भंडारण और प्रत्यारोपण की प्रणाली को औपचारिक रूप देने के लिए बैठक की गई.

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एसजीपीजीआई

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Published : Sep 14, 2022, 9:13 PM IST

Updated : Sep 14, 2022, 9:25 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य के लिए राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) की स्थापना एसजीपीजीआई (SGPGI) में राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम (NOTP) के तहत मानव अंगों को हटाने, भंडारण और प्रत्यारोपण की प्रणाली को औपचारिक रूप देने के लिए की गई थी. बुधवार को इसी मुद्दे पर एसजीपीजीआई में एक बैठक हुई, जिसमें तमाम पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे.

स्थापना के बाद से ही उत्तर प्रदेश राज्य के लिए एसओटीटीओ, एनओटीपी में प्रावधानित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के जनादेश का पालन करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है. जनादेश 7 के अनुसार, एसओटीटीओ को बीएसडी (ब्रेन स्टेम डेथ) डोनर से मल्टी ऑर्गन रिट्रीवल की सुविधा में सहायता करनी है, डोनर के अंगों की प्राप्ति से लेकर प्राप्तकर्ता में प्रत्यारोपण तक समन्वय की सुविधा के लिए प्रावधान करना है.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भारत में दुर्घटना, मृत्यु और आत्महत्या की रिपोर्ट, 2019 के अध्याय 1 ए और 2 में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, यातायात दुर्घटनाओ से (सड़क दुर्घटनाएं, रेलवे दुर्घटनाएं और रेलवे क्रॉसिंग दुर्घटनाएं शामिल हैं) भारत में 1,81,113 मौतें हुई हैं और भारत में कुल 1,39,123 आत्महत्याएं हुई हैं. असामयिक मृत्यु से मरने वाले ये लोग, संभावित मृत अंग और ऊतक दाता हो सकते हैं.

प्रशासनिक प्रसंस्करण की कमी और पुलिस के पर्याप्त संवेदीकरण के कारण बिना पहल अथवा प्रयास के छोड़ दिए जाते है. ऐसी सभी मौतें मेडिको-लीगल श्रेणी में आती हैं. इसलिए पुलिस अंग और ऊतक दान में एक अभिन्न भूमिका निभाती है, क्योंकि ऐसे मामले पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और वे इन मौतों की जांच के लिए जिम्मेदार होते हैं ताकि परिस्थितियों और कारणों का पता लगाया जा सके. इसलिए प्रत्येक मृत्यु के लिए पोस्टमॉर्टम उनकी जांच का एक महत्वपूर्ण उपकरण बन जाता है.

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उत्तर प्रदेश में मृतक दान दर को अस्पतालों और पुलिस के बीच अच्छे कामकाजी संबंध बनाए रखने से सकारात्मक रूप से प्रभावित किया जा सकता है. देरी को कम करने और मृतक दाता के परिवार को सहायता प्रदान करने से जनता में अंग और ऊतक दान के नेक काम के बारे में सकारात्मक मानसिकता पैदा होगी.

उल्लिखित तथ्यों के अनुसार एसओटीटीओ-यूपी ने पुलिस को अंग और ऊतक दान में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में संवेदनशील बनाने की पहल की. विशेष रूप से सामान्य रूप से मृत अंग दान के मामले में और विशेष रूप से यातायात दुर्घटनाओं में. 23 अप्रैल, 2022 को पुलिस मुख्यालय, लखनऊ में 'अंग और ऊतक दान में पुलिस की भूमिका' पर जागरूकता सत्र आयोजित किया गया था, जहां लखनऊ के पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ सभी जिलों जहां प्रत्यारोपण केंद्र स्थित हैं, सत्र में शामिल हुए. जागरूकता सत्र का उद्देश्य पुलिस कर्मियों को अंगदान में उनकी भूमिका के बारे में जानकारी देना है ताकि उत्तर प्रदेश राज्य में मृतक अंगदान दर को बढ़ाया जा सके.

जागरूकता सत्र के परिणामस्वरूप, यूपी पुलिस द्वारा एक एसओपी के निर्माण के माध्यम से अंग और ऊतक दान में पुलिस की भूमिका को सुव्यवस्थित करने का शासकीय आदेश जारी किया गया था. एसओपी पुलिस अधिकारियों के हर स्तर की भूमिकाओं को परिभाषित करता है. पुलिस सब इंस्पेक्टर, एसएचओ और स्टेशन अधिकारियों की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां पुलिस आयुक्त, जिला वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक, पुलिस अधिकारी की भूमिकाएं.

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एसओपी के अनुसार, पुलिस अंगदान की प्रक्रिया में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर, तत्काल पोस्टमॉर्टम की सुविधा प्रदान करके और अन्य कानूनी पहलुओं में उनकी जानकारी प्रदान करके, आवश्यकतानुसार शीघ्र सहायता और सहायता प्रदान करेगी. एसओपी के अनुसार, 43 अधिकृत प्रत्यारोपण केंद्र सीधे यूपी 112 को कॉल करेंगे, यदि उन्हें मृत दाता से अंग दान प्रक्रिया में सहायता की आवश्यकता होती है, जिसके माध्यम से समय पर सहायता और सहायता संबंधित प्रत्यारोपण केंद्र तक पहुंच जाएगी. यूपी 112 संबंधित जिला नियंत्रण कक्ष या जिला पुलिस स्टेशन को सूचना अग्रेषित करेगा ताकि एसओपी के अनुसार कार्रवाई शुरू की जा सके.

अंग और ऊतक दान में पुलिस की भूमिका पर निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया, एसओपी (Standard Operating Procedure) पर व्याख्या करने के लिए 112 से संबद्ध अधिकारियों के सहयोग व प्रयास से व डाक्टर हर्षवर्धन नोडल अधिकारी एसओटीटीओ व विभागाध्यक्ष अस्पताल प्रशासन, संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के नेतृत्व में एसओटीटीओ द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है.

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Last Updated : Sep 14, 2022, 9:25 PM IST

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