लखनऊ के अस्पतालों में बढ़ी डायरिया से पीड़ित बच्चों की संख्या. लखनऊ :मौसम विभाग ने गर्मी को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है. ऐसे में छोटे बच्चे से अधिक प्रभावित हो रहे हैं लू लगने के कारण बच्चे डायरिया से पीड़ित हो रहे हैं. बदलते मौसम में सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे और बुजुर्ग होते हैं ऐसे में इन दिनों राजधानी लखनऊ के अस्पताल की ओपीडी में गंभीर रूप से पीड़ित डायरिया की मार से प्रभावित बच्चे आ रहे हैं. डायरिया से पीड़ित बच्चों के समय गंभीर हालत में इमरजेंसी में भर्ती हो रही है. राजधानी लखनऊ के एक अस्पताल में नहीं बल्कि लगभग सभी अस्पतालों में डायरिया से पीड़ित छोटे बच्चों की संख्या अधिक हो रही है. डॉक्टर क मुताबिक छोटे बच्चे जो कि छह महीने से कम के हैं वह बार-बार डायरिया की चपेट में आते हैं.
लखनऊ के अस्पतालों में बढ़ी डायरिया से पीड़ित बच्चों की संख्या. सिविल अस्पताल के वरिष्ठ पीडियाट्रिशियन डॉ. संजय जैन ने बताया कि गर्मी के दिनों में डायरिया से पीड़ित बच्चों की संख्या अधिक बढ़ जाती है. फिलहाल इस समय नवजात शिशु और 15 साल से कम उम्र के बच्चे ओपीडी में अधिक आ रहे हैं. कुछ मरीज ऐसे हैं जिन्हें उल्टी-दस्त पिछले कई दिनों से हो रहे थे, लेकिन समय पर अस्पताल में नहीं दिखाने के कारण उनकी कंडीशन गंभीर हुई है. जिन्हें ओपीडी में देखने के बाद डायरिया वार्ड में भर्ती किया गया है. इन दिनों अस्पताल में रोजाना की ओपीडी में 200 से अधिक मरीज आ रहे हैं.
लखनऊ के अस्पतालों में बढ़ी डायरिया से पीड़ित बच्चों की संख्या. डॉ. संजय जैन के अनुसार बच्चों की इम्यूनिटी बहुत मजबूत होती है. ऐसे में बच्चों की तबीयत बहुत जल्दी नहीं खराब होती है. हालांकि बच्चों के खान-पान व मौसम में जब परिवर्तन होता है तो बच्चों को मामूली सर्दी, जुखाम, बुखार आसानी से हो जाती है. इसलिए अभिभावकों को भी जागरूक होना है कि इस समय कोरोनावायरस का समय है. ऐसे में बच्चों का विशेष ख्याल रखना है. बच्चे को अचानक से गर्म मौसम में न भेजें या फिर गर्म वातावरण से एसी वाले कमरे में न भेजें. जिससे बच्चे को सर्दी जुखाम बुखार हो. क्योंकि इस समय बच्चों को बचाने की खास जरूरत है. अभिभावकों को ध्यान देना होगा कि बच्चों के खान-पान का गर्मियों में विशेष ध्यान रखना है. खासकर जो नवजात शिशु में उनका अधिक ध्यान देना होगा. बार-बार दस्त और उल्टी दस्त होने पर बच्चे को गीली दलिया, चावल का मांड, मौसमीय जूस व अत्यधिक पानी पिलाते रहें. अगर अभिभावक को सर्दी, जुखाम, बुखार है तो वह बच्चे के नजदीक न जाएं. बच्चे को अपने साथ न सुलाएं.
लखनऊ के अस्पतालों में बढ़ी डायरिया से पीड़ित बच्चों की संख्या.
संक्रमित मां बच्चे को न कराएं स्तनपान :डॉ. संजय ने कहा कि जैसा कि हम सभी जान रहे हैं कि इस समय महामारी का दौर चल रहा है. एक के बाद एक वायरल बीमारी फैल रही है इसलिए जब तक यह महामारी पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाती तब तक अभिभावकों को खुद का ख्याल रखते हुए अपने बच्चों का भी ख्याल रखना है. क्योंकि अगर महिला बीमार होगी तो बच्चे की भी तबीयत खराब होगी. इस स्थिति में अगर किसी महिला की तबीयत खराब है तो वह अपने बच्चे को स्तनपान न कराएं. जिससे बच्चा भी संक्रमित हो सकता है.
लखनऊ के अस्पतालों में बढ़ी डायरिया से पीड़ित बच्चों की संख्या.
स्थिति बिगड़ने पर आए अस्पताल : ईदगाह पुराना किला से सिविल अस्पताल में बच्चे का इलाज कराने के लिए पहुंची खुशनुमा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से लगाता बच्चे की तबीयत खराब थी. तबीयत खराब होने के कारण बच्चे के पेट में दर्द उल्टी दस्त की समस्या हो रही थी. दो दिन जब नहीं ठीक हुआ, तब उसके बाद हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में बच्चे को दिखाने के लिए यहां पर आए. यहां पर ओपीडी में बच्चे को देखती ही डॉक्टर ने बच्चे को भर्ती कर लिया है. डॉक्टर ने बताया कि बच्चा डिहाइड्रेशन का शिकार हो गया है. साथ ही बच्चे को गंभीर रूप से डायरिया की शिकायत है. ऐसे में बीते 4 दिन से बच्चे को अस्पताल में लेकर भर्ती है. डालीगंज से बच्चे का इलाज कराने के लिए सिविल अस्पताल पहुंचे वासुदेव कश्यप ने बताया कि गर्मी में बच्चे की तबीयत बार-बार खराब हो रही थी. फिलहाल अभी सिविल अस्पताल में बच्चे का इलाज कराने के लिए आए हैं. बच्चे के पेट में काफी ज्यादा दर्द हो रहा था और बार-बार दस्त और उल्टी हो रही थी. जिस कारण बच्चे को अस्पताल में दिखाने के बाद डॉक्टर ने तुरंत भर्ती कर लिया है.
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