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मेडिकल संस्थानों के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को Deputy CM ने दिया आश्वासन, जानिए कितना मिलेगा वेतन - यूपी की स्वास्थ्य सेवाएं

मेडिकल संस्थानों में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन निर्धारण की मांग पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने जल्द ही निर्णय लेने का आश्वासन दिया है. इसके बाद से कर्मचारियों में खुशी की लहर है. वहीं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सचिव ने स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 4, 2023, 10:01 AM IST

लखनऊ :आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों ने वेतन निर्धारण की मांग को लेकर शुक्रवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से भेंट की. इस दौरान आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रितेश मल व महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्र ने डिप्टी सीएम को बताया कि लखनऊ के विभिन्न मेडिकल संस्थानों में करीब 20 हजार आउटसोर्सिंग कर्मचारी काम कर रहे हैं. केजीएमयू, लोहिया संस्थान, पीजीआई और कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में आउटसोर्सिंग कर्मचारी के वेतन निर्धारण के लिए मुख्यमंत्री की पहल पर कमेटी बनी थी. कमेटी ने जून में शासन को रिपोर्ट सौंप दी थी. कमेटी ने वेतन निर्धारण संबंधी सिफारिश दे दी. इसके बावजूद अब तक शासनादेश नहीं जारी हुआ. इससे कर्मचारी 10 से 15 हजार वेतन पर काम करने को मजबूर हैं. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कर्मचारियों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान का आश्वासन दिया है.

डिजिटल हो रहीं स्वास्थ्य व्यवस्थाएं :स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटलीकरण तेजी से किया जाए. इससे मरीजों को इलाज मुहैया कराने में आसानी होगी. मरीजों को इलाज संबंधी दस्तावेज लाने ले जाने की झंझट से भी छुटकारा मिलेगा. टेलीमेडिसिन और ऑनलाइन सलाह हासिल करने में मरीजों को मदद मिलेगी. यह बातें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव रंजन कुमार ने कही हैं. वे शुक्रवार को कैसरबाग स्थित सीएमओ कार्यालय सभागार में निजी अस्पताल के संचालकों और डॉक्टरों साथ आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे.

सचिव रंजन कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के डिजटलीकरण समय की मांग है. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अनुरूप माइक्रोसाइड इन्फॉर्मेशन सिस्टम का उपयोग करके मरीजों के रिकॉर्ड को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाया जा सकता है. इस दिशा में सभी सरकारी व प्राइवेट अस्पताल ध्यान दें. उन्होंने कहा कि सभी लोग डिजिटल प्लेटफार्म का प्रयोग कर रहे हैं. चिकित्सा क्षेत्र में भी स्वास्थ्य रिकॉर्ड का भी डिजिटलीकरण होना चाहिए. ताकि आम जनमानस को घर बैठे टेलीमेडिसिन एवं ऑनलाइन सलाह का फायदा मिल सके. साथ ही इलाज का डाटा ऑनलाइन उपलब्ध होने से आवश्यकता पड़ने पर मरीज की अनुमति से उसके चिकित्सकीय रिकॉर्ड की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी. बैठक में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. मोहित सिंह, जिला नोडल अधिकारी डॉ. एपी सिंह, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी, लखनऊ नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. संजय लखटकिया समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहे.

कल्याण सिंह अति विशिष्ट कैंसर संस्थान में ओपीडी शुरू.

कल्याण सिंह अति विशिष्ट कैंसर संस्थान में साइको आंकोलॉजी की ओपीडी शुरू :चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह अति विशिष्ठ कैंसर संस्थान में शुक्रवार से साइको आंकोलॉजी की ओपीडी शुरू हो गई है. यूपी का यह पहला सरकारी संस्थान है. जिसमें कैंसर मरीज व उनके तीमारदारों के लिए विशेष ओपीडी शुरू की गई है.

कल्याण सिंह अति विशिष्ट कैंसर संस्थान में साइको आंकोलॉजी की ओपीडी शुरू.


कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. आरके धीमान ने बताया कि कैंसर मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. चिंता की बात यह है कि ज्यादातर मरीजों को शुरूआत में बीमारी का पता नहीं चल पाता है. बीमारी का पता चलने पर मरीज व उनके तीमारदार मानसिक रूप से बहुत परेशान हो जाते हैं. इलाज के दौरान भी मरीज के तीमारदार को मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है. कैंसर का इलाज लंबा चलता है. यह सब सोंच कर मरीज व तीमारदार परेशान होते हैं. तनाव की चपेट में आ जाते हैं. चिकित्सा अधीक्षक व मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. देवाशीष शुक्ला ने शुक्रवार से साइको आंकोलॉजी की ओपीडी में मरीजों का इलाज शुरू कर दिया है.

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