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मिर्गी का दौरा हो सकता है जानलेवा, समय रहते मरीज का सही इलाज जरूरी

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के न्यूरोलॉजी विभाग का स्थापना दिवस के मौके पर सोमवार को न्यूरोलॉजी के विशेषज्ञों ने मिर्गी के दौरे (Epilepsy Attack) के लक्षणों और इलाज के संबंध में विस्तार से चर्चा की. दिल्ली एम्स के प्रोफेसर पी. सरत चंद्रा ने मरीजों के इलाज और सर्जरी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां और सुझाव साझा किए.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 20, 2023, 4:04 PM IST

लखनऊ : भारत में 12 मिलियन लोग मिर्गी (Epilepsy) की बीमारी से पीड़ित हैं. इसमें से 75 प्रतिशत लोग दवा से ठीक हो सकते हैं, लेकिन 25 फीसदी लोगों में एपिलेप्सी सर्जरी ही कारगर होगी. ऐसे में जो मरीज लंबे समय से मिर्गी का इलाज करा रहे हैं और उन्हें आराम नहीं मिल रहा है तो वह विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलकर इस बारे में जानकारी ले सकता है. विशेषज्ञ डॉक्टर इसके बारे में मरीज को सुझाव दे सकते हैं. यह जानकारी किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के न्यूरोलॉजी विभाग के स्थापना दिवस के मौके पर दिल्ली एम्स के प्रोफेसर पी. सरत चंद्रा ने दी.

मिर्गी के दौरे से बचाव के लिए करें यह काम.


चिकित्सक की सलाह जरूरी :केजीएमयू के न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागध्यक्ष प्रो.बीके ओझा ने बताया कि मिर्गी के मरीज जितना इंतजार करेंगे, उतना नुकसान उनके दिमाग का होगा. दौरे की वजह से जान भी जा सकती हैं. सर्जरी से मिर्गी का दौरा ठीक हो सकता है, लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि सभी मिर्गी के दौरो सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती. ऐसे में अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह जरूर लें. जो मिर्गी का दौरा दवा से ठीक नहीं होता, उसमें सर्जरी की जरूरत पड़ती है.

केजीएमयू लखनऊ के न्यूरोलॉजी विभाग के स्थापना दिवस के मौके पर मौजूद अतिथि.

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया में स्लीप सर्जरी पर कार्यक्रम :डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ में "ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया में स्लीप सर्जरी" पर एक सीएमई कार्यक्रम शनिवार को आयोजित हुआ. सीएमई का आयोजन ईएनटी विभाग ने आयोजित किया. निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने खर्राटे और स्लीप एपनिया क्लिनिक और ईएनटी विभाग के कॉक्लियर इंप्लांट कार्यक्रम की कार्यप्रणाली की सराहना की. मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ. संदीप बंसल, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ में ईएनटी के प्रोफेसर, द्वारा ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया में सर्जिकल प्रबंधन विकल्पों पर विचार-विमर्श किया गया.

केजीएमयू लखनऊ में अतिथियों का सम्मान.


बहु-विषयक नींद क्लीनिक :सीएमई ने पॉलीसोम्नोग्राफी और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के गैर-सर्जिकल प्रबंधन के विषयों पर भी चर्चा की. निदेशक ने बहु-विषयक नींद क्लीनिक स्थापित करने और नींद में मूल शोध करने की आवश्यकता पर जोर दिया. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. डॉ. एके सिंह ने पॉलीसोम्नोग्राफी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए और अधिक स्लीप लैब स्थापित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. डीन प्रोफेसर डॉ. प्रद्युम्न सिंह और रजिस्ट्रार प्रोफेसर डॉ. ज्योत्सना अग्रवाल ने डॉ. आरएमएलआईएमएस द्वारा प्रदान की जा रही नींद परीक्षण सुविधाओं की सराहना की और कार्यक्रम के विस्तार की आवश्यकता पर जोर दिया. सीएमई में लगभग 50 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, लगभग 50 प्रतिनिधि ऑनलाइन मौजूद रहे.


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