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PGI के समान सैलरी की मांग को लेकर डॉक्टरों ने सुपर स्पेशिलिटी कैंसर संस्थान में सेवाएं ठप की, सिर्फ इमरजेंसी चालू

लखनऊ में चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह सुपरस्पेशिलिटी कैंसर संस्थान के फैकेल्टी मेंबर ने सोमवार से इमरजेंसी छोड़ सभी सेवाएं ठप रखने की घोषणा की है. फैकेल्टी मेंबर पीजीआई के समान वेतन भत्ते की मांग कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 11, 2023, 11:16 AM IST

Updated : Dec 11, 2023, 11:33 AM IST

लखनऊ :चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह सुपर स्पेशिलिटी कैंसर संस्थान में आने वाले कैंसर मरीजों की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं. क्योंकि यहां की फैकल्टी द्वारा पीजीआई के समान वेतनमान नहीं देने को लेकर आक्रोश बढ़ गया है. इसके तहत सोमवार से इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर अन्य काम बंद करने का फैसला लिया गया है. इस बाबत संस्थान प्रशासन को बकायदा लेटर लिखकर नाराजगी जाहिर की गई है. हालांकि, अधिकारी जल्द समस्या दूर करने की बात कर रहे हैं.

जारी आदेश.




कई फैकल्टी छोड़ चुकी :प्रदेश सरकार द्वारा कैंसर संस्थान को विश्वस्तरीय बनाए जाने का प्रयास किया जा रहा है. अभी यहां की ओपीडी में रोजाना 200 से अधिक कैंसर पीडि़त मरीज दिखाने के लिए आते हैं. फिलवक्त संस्थान फैकल्टी की कमी से जूझ रहा है. संस्थान महज 27 फैकल्टी के भरोसे चल रहा है. फैकल्टी द्वारा लगातार पीजीआई के समान वेतनमान देने की मांग की जा रही है. जिसके पूरा न होने के चलते बीते कई वर्षों में अबतक 20 से अधिक सुपर स्पेशलिस्ट फैकल्टी द्वारा संस्थान को अलविदा कहा जा चुका है. वहीं, कई अन्य फैकल्टी भी संस्थान छोड़ने का मन बना रहे हैं. ऐसे में मरीजों को पहले ही काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

डॉ. संजीव रस्तोगी ने बढ़ाया देश भर में लखनऊ का मान

  • राजधानी के राजकीय आयुर्वेद कॉलेज टूड़ियागंज के शिक्षक डॉ. संजीव रस्तोगी ने देश भर में लखनऊ का मान बढ़ाया है. उनका नाम देश के अग्रणी 10 वैज्ञानिकों में शामिल हुआ है. अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक जर्नल जेएआईएम में हाल ही में प्रकाशित एक शोध पत्र ने शोध प्रकाशन और उनके साइटेशन के आधार पर यह सूची तैयार की है.
  • राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के वरिष्ठ गठिया रोग विशेषज्ञ प्रो संजीव रस्तोगी ने इस सूची में सातवां स्थान हासिल किया है. सूची में पहला स्थान पूना विश्विद्यालय के प्रो भूषण पटवर्धन का है. इस सूची में उत्तर प्रदेश के दो वैज्ञानिकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है.
  • प्रो. संजीव रस्तोगी के बाद सूची में उत्तर प्रदेश के दूसरे वैज्ञानिक काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो यामिनी भूषण त्रिपाठी हैं. प्रो. संजीव रस्तोगी द्वारा कोविड-19 के आयुर्वेद उपचार से संबंधित प्रकाशन को महामारी पर आयुर्वेद शोध में सबसे महत्वपूर्ण 6 शोधों में शामिल किया है. यह शोध 250 से अधिक बार अन्य शोध पत्रों में साइट किया जा चुका है.

कामकाज रहेगा ठप :एसोसिएशन के मुताबिक इस फैसले के विरोध में सोमवार की सुबह 8 बजे से काम बंद कर दिया जाएगा. हालांकि मरीजों की सुविधा को देखते हुए केवल इमरजेंसी कैंसर सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहेंगी. ऐसे में एसोसिएशन की मांग है कि कैंसर मरीजों के हितों को ध्यान में रखते हुए तत्काल इस फैसले को वापस लेने के लिए सरकार को पत्र भेजा जाए. कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने बताया कि सभी को समझाया जाएगा. फिलहाल मामला सब-ज्यूडिस है जो भी निर्णय लिया जाएगा, उससे अवगत कराया जाएगा.


नए प्रावधान पर भड़के फैकल्टी मेंबर

  • एसएससीआई एंड फैकल्टी वेलफेयर एसोसिएशन यूपी के सेक्रेटद्यी डॉ. विजेंद्र कुमार द्वारा लिखे लेटर के अनुसार 9 दिसंबर को प्रावधान के लिए एक सिफारिश राज्य सरकार को भेजी गई थी. जिसके तहत फैकल्टी को राज्य सरकार के अनुसार वेतन दिया जाएगा.
  • पहले पीजीआई के समान वेतनमान देने की बात तय की गई थी. क्योंकि संस्थान सुपर स्पेशियलिटी संस्थान के रूप में कार्य कर रहा है नाकि स्टेट मेडिकल कॉलेज के रूप में. ऐसे में इस सिफारिश से फैकल्टी में बेहद रोष है. जबकि, मामला हाई कोट, इलाहाबाद में विचाराधीन है. इसके विरोध में सभी संकाय प्रभारी तत्काल प्रभाव से अपना-अपना प्रभार छोड़ रहे है.

डॉक्टरों के लिए राहत भरी खबर :चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह सुपर स्पेशियालिटी कैंसर संस्थान के डॉक्टरों के लिए राहत भरी खबर है. शासन ने वेतनमान संबंधी नया आदेश जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट की है. आदेश में साफ कहा गया है कि राज्य सरकार के तहत सातवां वेतनमान नए भर्ती होने वाले डॉक्टरों पर लागू होगा. पहले से तैनात 27 डॉक्टरों के वेतनमान का मामला कोर्ट में है. लिहाजा कोर्ट के आदेश पर ही आगे का फैसला होगा. शासनादेश 10 दिसंबर को उप सचिव एसपी सिंह की तरफ से जारी किया गया है. शासनादेश में कहा है कि संस्थान में वर्तमान में तैनात डॉक्टर-कर्मचारियों को पूर्व की भांति वेतन-भत्ते अनुमन्य रहेंगे. जब तक कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं आ जाता है. संस्थान के बायलॉज के अनुसार भविष्य में प्रकाशित होने वाले भर्ती विज्ञापनों में राज्य कर्मचारियों को अनुमन्य वेतनमान दिया जाएगा. इस संबंध में शासनादेश संस्थान के निदेशक को भेज दिया गया है.

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Last Updated : Dec 11, 2023, 11:33 AM IST

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