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कोरोना की तीसरी लहर से लड़ाई: घर-घर जाकर वितरित की जाएगी मेडिकल किट, ये होगीं दवाएं

कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए यूपी की योगी सरकार अभी से तैयारियों में लग गई है. इसी क्रम में निगरानी समितियों के माध्यम से प्रदेश के सारे गांवों में मेगा ड्राइव अभियान चलाया जाएगा. इसके तहत घर-घर जाकर बच्चों के लिए मेडिसिन किट का वितरण किया जाएगा और उनमें कोरोना के लक्षणों की जांच की जाएगी, ताकि समय रहते बच्चों में लक्षणों की पहचान करके उन्हें उचित इलाज दिया जा सके.

कोरोना की तीसरी लहर से लड़ाई
कोरोना की तीसरी लहर से लड़ाई

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Published : Jun 26, 2021, 9:51 AM IST

लखनऊ:कोरोना की तीसरी लहर सेबच्चों को बचाने के लिए 15 जून से शुरू होने वाली घर-घर मेगा ड्राइव अब जिलों में 1 जुलाई से शुरू की जाएगी. इसके तहत कोरोना के साथ-साथ बच्चों को मौसमी बीमारियों से बचाने के लिए राज्य सरकार किट में दवाएं उपलब्ध कराएगी. विशेषज्ञों का दावा है कि 2 हफ्ते बाद कोरोनावायरस की तीसरी लहर शुरू होगी. विशेषज्ञों ने इसमें नवजात से लेकर 15 साल तक के बच्चों के लिए अधिक खतरा बताया है. इस खतरे को देखते हुए ही राज्य सरकार बच्चों के लिए मेगा ड्राइव की शुरुआत कर रही है. जिससे अगर किसी बच्चे को कोरोना के शुरुआती लक्षण भी हों तो उसे तुरंत ट्रीटमेंट दिया जा सके.

लोहिया अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग के सर्जन डॉक्टर श्रीकेश सिंह बताते हैं कि सरकार द्वारा मेगा ड्राइव में बांटी जाने वाली मेडिकल किट में तमाम बीमारियों से बच्चों को बचाने के लिए दवाइयां होंगी. ऐसा इसलिए किया गया है कि अगर पहले से तैयारियां होंगी तो शुरुआती लक्षण के दौरान ही बच्चे का उचित इलाज होगा तो वायरस संक्रामक नहीं होगा.

जानकारी देते डॉक्टर श्रीकेश सिंह.
समय रहते बचाव जरूरी
डॉ श्रीकेश बताते हैं कि किसी भी बीमारी से निपटने के लिए पहले से ही बचाव बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है, अगर पहले से तैयारियां रहती हैं तो कोई भी बीमारी संक्रामक नहीं हो पाती और जब बात किसी वायरस की हो तो और भी ज्यादा तैयारियां करके चलना जरूरी है क्योंकि संक्रामक रोग तेजी से लोगों में फैसला हैं. कोरोना की संभावित तीसरी लहर में अगर समय रहते बच्चे को दवा मिल जाएगी तो वायरस प्रभावित बच्चे से अन्य लोगों को प्रभावित होने से बचाया जा सकेगा.

यह है अभियान
यूपी में 60 हजार से अधिक निगरानी समितियां में चार लाख से अधिक सदस्य शामिल हैं. निगरानी समितियों के सदस्य प्रदेश में गांव-गांव जाकर कोविड-19 के लक्षण वाले बच्चों को चिन्हित कर निशुल्क दवा-किट उपलब्ध कराएंगे. जिलों में प्रभारी मंत्री द्वारा निगरानी समितियों को दवा किट उपल्ब्ध कराई जाएगी. निगरानी समिति के सदस्य किट वितरण करते समय लाभार्थी का नाम, पता ,फोन नंबर आदि की जानकारी भी लेंगे. जिसके बाद सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से लाभार्थी से संपर्क कर बच्चों की सेहत की जानकारी ली जाएगी. बच्चों की स्क्रीनिंग एवं सर्विलांस का कार्य भी अभियान के रूप में किया जाएगा. यह अभियान कोरोना सहित बारिश से होने वाले संचारी रोगों की रोकथाम में भी सहायक होगा.

किट में होती हैं ये मेडिसिन
मेगा ड्राइव के दौरान बच्चों को उपलब्ध कराई जाने वाली मेडिकल किट को 0-1वर्ष, 1-5 वर्ष, 5-12 वर्ष और 12-18 वर्ष की आयुवर्ग को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. 0 से 1 वर्ष तक के बच्चों के लिए बनाई गई किट में पेरासिटामोल ड्रॉप, मल्टीविटामिन ड्रॉप्स और ओआरएस का पैकेट, 1 से 5 वर्ष वाले बच्चे की किट में पेरासिटामोल सिरप, मल्टीविटामिन सिरप और ओआरएस पैकेट रहेगा. 5 से 12 और 12 से 18 साल की उम्र वालों के लिए दी जाने वाली मेडिसिन किट में पेरासिटामोल, मल्टीविटामिन टैबलेट, ओआरएस पैकेट के साथ आइवरमेक्टिन छह मिलाग्राम भी दी जाएगी.

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कोरोना की तीसरी लहर में मददगार
डॉ श्रीकेश का कहना है कि वायरस से बच्चों को बचाने के लिए सरकार अपने स्तर पर पूरी कोशिश में लगी है. दो सप्ताह के बाद कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना है. जिसको लेकर यूपी स्तर पर कई अच्छी पहल भी की गईं हैं, जो बच्चों के हित में है. वायरस को रोक पाना असंभव है. लेकिन वायरस को हराने के लिए डटकर लड़ना जरूरी है. मेडिकल किट गांव के उन लोगों के लिए बहुत जरूरी और मददगार साबित होगी, जहां पर दूर-दूर तक अस्पताल नहीं है. मेडिकल किट में उपलब्ध दवाएं बच्चों को कोरोना और संचारी रोगों से बचाएंगी, लेकिन लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति और वायरस की प्रति पहले से ही अलर्ट रहना पड़ेगा.

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