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Medical facilities at KGMU : पीपीपी मॉडल पर पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी की बढ़ेंगी जांचें

केजीएमयू में पीपीपी मॉडल पर रेडियोलॉजी व पैथोलॉजी समेत दूसरी जांच की सुविधाएं (Medical facilities at KGMU) बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इस कड़ी में केजीएमयू में मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की दिशा में पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी की जांचें बढ़ाई जाएंगी.

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Published : Jan 27, 2023, 12:46 PM IST

लखनऊ : केजीएमयू में मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की दिशा में अहम कदम उठाए जाएंगे. पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप (पीपीपी) मॉडल पर पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी की जांचें बढ़ाई जाएंगी. इससे मरीजों को आधुनिक जांच की सुविधा का लाभ मिलेगा. केजीएमयू को बिना खर्च किए आमदनी का जरिए बढ़ेगा. यह जानकारी केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने दी. बुधवार को केजीएमयू के ब्राउन हॉल में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे. कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि पीपीपी मॉडल पर रेडियोलॉजी व पैथोलॉजी समेत दूसरी जांच की सुविधा बढ़ाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं.

उन्होंने बताया कि पीपीपी मॉडल के तहत करोड़ों रुपये की मशीनें लगाने की जिम्मेदारी केजीएमयू की नहीं होगी. कंपनी मशीनें लगाएगी. कंपनी के कर्मचारी जांच करेंगे. दूसरे संसाधन जुटाने की जिम्मेदारी भी संस्था की होगी. केजीएमयू को सिर्फ स्थान उपलब्ध कराना होगा. इसके बदलते केजीएमयू को जांच के एवज में पैसे मिलेंगे. इसके अलावा छात्रों के पढ़ाई की राह भी आसान होगी. मेडिकल छात्र जांच के तौर तरीके सीखेंगे. शोध में भी आसानी होगी. आसानी से जांच संबंधी डेटा मिल सकेगा. अभी केजीएमयू में एमआरआई, सीटी स्कैन, लिथोट्रॉप्सी समेत दूसरी मशीनों का संचालन हो रहा है. पैथोलॉजी की कई जांचें पीपीपी मॉडल पर हो रही हैं.

केजीएमयू में पीपीपी मॉडल पर सुविधाएं.

कुलपति ने बताया कि एमबीबीएस छात्र को प्रत्येक क्लास के बाद शिक्षक बहुविकल्पीय पांच सवाल देंगे. इससे छात्रों की पढ़ाई का दायरा बढ़ेगा. छोटे-छोटे पाठ का बारीकी से अध्ययन करना होगा. ऐसे में बहुविकल्पीय सवाल हल करने की प्रैक्टिस होगी. मेडिकल छात्रों के टीजी व लिम्ब सेंटर के निकट बहुमंजिला हॉस्टल बनेगा. मेडिकल छात्रों की परेशानी को जानने के लिए क्यूआर कोड बनाया गया है. इसके माध्यम से छात्र अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. कहा कि केजीएमयू में अभी सर्जरी से जुड़े अलग-अलग भवनों का संचालन हो रहा है. करीब 40 ऑपरेशन थिएटर अलग-अलग विभागों में संचालित हो रहे हैं. सभी विभागों के ऑपरेशन थिएटर व पोस्टऑप वार्ड एक छत के नीचे होंगे. इसके लिए सर्जिकल सांइसेस सेंटर बनाया जाएगा. ऐसे में गेस्ट्रो सर्जरी, यूरो, जनरल, ईएनटी, सीटीवीएस, नेत्र, ट्रॉमा, न्यूरो, पीडियाट्रिक सर्जरी समेत दूसरे विभागों के मरीजों के ऑपरेशन होंगे.

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