उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

नये प्रयोग और रणनीति से मिली सफलता कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने में सफलता: सुरेश खन्ना - चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना

प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कोरोना को लेकर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में कोरोना से मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है, जोकि राष्ट्रीय औसत 1.49 प्रतिशत से कम है. प्रदेश में वर्तमान में कोविड-19 की पॉजिटिविटी रेट 3.5 प्रतिशत है. यह राष्ट्रीय औसत छह प्रतिशत से कम है.

सुरेश खन्ना
सुरेश खन्ना

By

Published : Nov 4, 2020, 10:54 PM IST

लखनऊ:प्रदेश में कोविड-19 का संक्रमण निरंतर घट रहा है, परंतु इस समय और अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है. प्रदेश में कोविड-19 से मृत्यु दर घट रही है. रिकवरी दर निरंतर बढ़ रहा है. प्रदेश में वर्तमान में कोरोना से मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है, जोकि राष्ट्रीय औसत 1.49 प्रतिशत से कम है. प्रदेश में वर्तमान में कोविड-19 की पॉजिटिविटी रेट 3.5 प्रतिशत है. यह राष्ट्रीय औसत छह प्रतिशत से कम है. खन्ना ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में रिकवरी दर 94 प्रतिशत है. यह राष्ट्रीय रिकवरी दर 91 प्रतिशत से अधिक है. यह जानकारी चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने दी.

नये प्रयोग और रणनीति से मिली सफलता
सुरेश खन्ना ने बताया की मुख्यमंत्री योगी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे मनोयोग से कार्य किया है. राज्य सरकार के नवोन्मेषी प्रयोगों एवं बेहतर रणनीतियों के कारण प्रदेश में कोविड-19 पर नियंत्रण पाने में सफलता मिली है. प्रदेश सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कई इनोवेटिव प्रयोग किए. इससे प्रदेश में कोरोना से मृत्यु दर एवं संक्रमण दर दोनों ही घटा है, रिकवरी दर बढ़ी है।

1200 लोगों की प्लाज्मा थेरेपी
उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा एवं केजीएमयू में लगभग 1200 लोगों की प्लाजमा थेरेपी की गई, जिसमें 67 प्रतिशत रिकवरी दर है. प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों को वर्चुअल आईसीयू के माध्यम से एसजीपीजीआई से जोड़ा गया है ताकि मेडिकल कॉलेज मरीजों को और बेहतर इलाज एवं कंसल्ट के लिए एसजीपीजीआई से जुड़ सके. टेली मेडिसिन के लिए इलेक्ट्रॉनिकली कोविड केयर सपोर्ट सिस्टम से पूर्वांचल क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों को, बुंदेलखंड क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों को केजीएमयू से, पश्चिमी यूपी के मेडिकल कॉलेजों को एसजीपीजीआई से जोड़ा गया है, ताकि संबंधित क्षेत्र के मरीजों को मेडिकल कॉलेजों द्वारा कंसल्टेशन के माध्यम से बेहतर इलाज दिया जा सके.

ABOUT THE AUTHOR

...view details