लखनऊ: नए साल में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के ढांचे में बड़ा बदलाव होने को है. चिकित्सा शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉक्टर बीडी सिंह ने बताया कि प्रदेश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खुलेगा. वहीं दो मेडिकल यूनिवर्सिटी समेत तमाम चिकित्सकीय सेवाओं का विस्तार किया जाएगा. यूपी में 75 जिले हैं. इसमें अभी 31 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. वहीं 14 राजकीय मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास जारी है. 16 मेडिकल कॉलेजों को सरकार पीपीपी मॉडल पर बनाने जा रही है.
संयुक्त निदेशक ने बताया कि इसके अलावा शेष जिलों में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज होंगे. ऐसे में वर्ष 2022 में यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव होने की उम्मीद है. मरीजों को राजधानी की दौड़-भाग के बजाए जिला स्तर पर ही इलाज मिल सकेगा. इसके अलावा लखनऊ में अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी का भवन बनकर तैयार हो जाएगा. साथ ही गोरखपुर में आयुष यूनिवर्सिटी का निर्माण होगा.
यूपी के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज, खुलेंगी दो नई यूनिवर्सिटी
यूपी के हर जिले में खुलेगा एक मेडिकल कॉलेज व दो मेडिकल यूनिवर्सिटी. लखनऊ में अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी का भवन बनकर हो जाएगा तैयार तो गोरखपुर में आयुष यूनिवर्सिटी का होगा निर्माण. यूपी के 75 जनपदों में से 46 में केंद्र सरकार की मदद से पीपीपी मॉडल पर शुरू की गई डायलिसिस सुविधा.
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114 पीएचसी व 29 सीएचसी का तोहफा
उन्होंने बताया कि यूपी में वर्तमान में 937 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) संचालित है. 57 नई सीएचसी बन चुकी है. वहीं सरकार 29 नए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण करा रही है. ऐसे ही राज्य में 3691 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) का संचालन हो रहा है. इसमें 52 नई पीएचसी बनी, साथ ही 114 नए केंद्रों का निर्माण हो रहा है. नए केंद्र बनने से गांवों में इलाज की व्यवस्था में सुधार होगा. वर्ष 2022 में नए स्वास्थ्य केंद्र बनकर तैयार हो जाएंगे। इसके अलावा 174 जिला, संयुक्त अस्पताल हैं.
जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन, डायलिसिस की सुविधा
इसके साथ ही उन्होंने आगे बताया कि राज्य के 75 जनपदों में से 46 जनपदों में केंद्र सरकार की मदद से डायलिसिस सुविधा पीपीपी मॉडल पर शुरू की गई. यह सुविधा सभी जिलों में होगी. वहीं 56 जनपदों में पीपीपी मॉडल पर सीटी स्कैन यूनिट स्थापित की गई है. शेष जिलों में मशीन लगाई जा रही है. इसके अलावा 28 जनपदों में टेलीमेडिसिन सेवा अभी चल रही है, इसका विस्तार किया जाएगा. 354 केंद्रों पर संचालित टेली रेडियोलॉजी सुविधा का भी इजाफा होगा.
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