लखनऊ: बेहतर इलाज व मेडिकल की पढ़ाई में इनवेस्टर समिट मील का पत्थर साबित होगा. बड़ी संख्या में संस्थाओं ने प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल, फार्मासिस्यूटकल कंपनियां लगाने की हामी भरी है. इससे प्रदेश आर्थिक रूप से मजबूत होगा. बेरोजगारों को भी अवसर मिलेगा. रोजगार की राह आसान होगी.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अब तक 171 प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर हो चुके हैं. ये सभी प्रोजेक्ट लगभग 53827.52 करोड़ रुपए के हैं. इसमें चार कैंसर इंस्टीट्यूट, एक डेंटल, पांच डायग्नोस्टिक सेंटर, पांच रिसर्च इंस्टीट्यूट, 15 सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल, तीन पीपीपी प्रोजेक्ट, 15 मल्टी स्पेशियालिटी समेत अन्य प्रोजेक्ट शामिल हैं. इनके स्थापित होने से प्रदेश आर्थिक रूप से मजबूत होगा. 149116 लोगों को रोजगार मिलेगा. इसमें सभी श्रेणी के कर्मचारी शामिल होंगे.
वहीं, चिकित्सा शिक्षा विभाग 100 प्रोजेक्ट पर साइन कर चुका है. 11 मेडिकल यूनिवर्सिटी खुलेंगी। 17 मेडिकल कॉलेज खुलेंगे. 11 नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज, 31 नर्सिंग कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज 17, फार्मासियुटिकल कॉलेज 10, डेंटल कॉलेज, आंकोलॉजी रिसर्च लैब समेत अन्य सेंटर स्थापित होंगे. इन पर करीब 16048.45 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि उप्र तेजी से विकास के पथ पर चल रहा है. इनवेस्टर समिट से प्रदेश को रफ्तार मिलेगी. प्रदेश की तरक्की में सरकारी के साथ प्राइवेट संस्थान भी कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं. रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. लगातार कंपनियों से बात की जा रही है. यूपी में इनवेट करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. कानून व्यवस्था, बेहतर सड़क, एक्सप्रेस-वे, हाईवे व एयरपोर्ट बेहतर हुए हैं. इससे आवागमन सुगम हुआ है. अब लोग अपनी मर्जी से यूपी में इनवेस्ट करना चाह रहे हैं.
UP Global Investor Summit में चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आए 171 प्रोजेक्ट
यूपी इन्वेस्टर समिट में संस्थाओं ने प्रदेश में मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल, फार्मासिस्यूटकल कंपनियों लगाने की बात कही है. जिसमें स्वास्थ्य विभाग में 53827.52 करोड़ व चिकित्सा शिक्षा में 16048.45 करोड़ का निवेश होगा और 149116 लोगों को रोजगार मिलेगा.
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक