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मीटर रीडिंग में अब नहीं चलेगी कर्मचारियों की मनमानी

लखनऊ में बिजली विभाग के इंजीनियर और बिलिंग एजेंसियों के कर्मचारी अब कोई बहानेबाजी नहीं कर पाएंगे. उपभोक्ताओं को अगर डिफेक्टिव रीडिंग बिल दिया जाता है तो उपभोक्ता बिजली अभियंताओं के साथ उच्चाधिकारियों से भी शिकायत कर सकते हैं.

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Published : Dec 10, 2020, 3:24 PM IST

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम.
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम.

लखनऊ:बिजली विभाग के इंजीनियर और बिलिंग एजेंसियों के कर्मचारी अब कोई बहानेबाजी नहीं कर पाएंगे. उन्हें हर हाल में उपभोक्ता के घर जाकर मीटर रीडिंग लेनी होगी. उपभोक्ता के घर में ताला लगा होने या मीटर घर के अंदर होने के कारण बिलिंग नहीं हो पाई है ये तर्क अमान्य होंगे. मीटर रीडर अब एक जगह बैठकर मनचाही रीडिंग का बिल भी नहीं बना पाएंगे. इतना ही नहीं, उपभोक्ता को अगर डिफेक्टिव रीडिंग का बिल मिलता है तो वह अभियंताओं और उच्चाधिकारियों से शिकायत कर सकता है.

रीडिंग न कराने वाले उपभोक्ताओं पर लगेगा जुर्माना
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि जिन उपभोक्ताओं के घरों में पहले से मीटर लगे हैं, उन्हें अब हर हाल में मीटर रीडिंग करानी पड़ेगी. ऐसा न करने वाले उपभोक्ताओं की बिजली काट दी जाएगी और उन्हें जुर्माना भी देना पड़ेगा. जुर्माने के रूप में प्रति किलोवॉट के हिसाब से 50 रुपये भुगतान करने होंगे. यह निर्देश सभी खंडों में निगम विद्युत प्रदेय संहिता 2005 के तहत वैधानिक कार्रवाई करने के तहत जारी किए गए हैं.

प्रबन्ध निदेशक के मुताबिक, लखनऊ के नौ लाख बिजली उपभोक्ताओं की बिलिंग हर महीने नहीं हो पाती है. तमाम खंडों में यह ग्राफ 80 से 90 फीसदी तक ही रहता है. इसके कारण बिजली विभाग को राजस्व नहीं मिल पाता. मीटर रीडिंग एजेंसियों की मनमर्जी और स्थानीय इंजीनियरों की शिथिलता के चलते बिजली के बिल दुरुस्त ही नहीं हो पाते हैं. इसके चलते उपभोक्ताओं को उपकेंद्रों के महीनों तक चक्कर लगाने पड़ते हैं.

घर के बाहर मीटर लगवाने से नहीं काटने होंगे उपकेंद्रों के चक्कर
डॉ. सूर्य पाल गंगवार ने कहा कि उपभोक्ता अगर चाहें तो घर के अंदर लगे मीटर को घर के बाहर लगवा सकते हैं. इसके लिए उन्हें अपने स्थानीय उपकेंद्रों में आवेदन देना होगा. सभी उपभोक्ताओं के मीटर घर के बाहर ही लगाए जाने हैं, ताकि बिलिंग एजेंसी के लोग आराम से मीटर रीडिंग कर सकें. इसका फायदा यह होगा कि बिजली विभाग का बिल समय पर वसूला जा सकेगा और उपभोक्ताओं को भी बिल दुरुस्त कराने के लिए उपकेंद्र के चक्कर नहीं काटने होंगे.

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