लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने जन्मदिन पर अपनी सरकार की योजनाओं के बारे में चर्चा की. साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर एक बड़ा ऐलान भी किया. कहा कि चार बार अपनी सरकार में सर्वजन हिताय के हित और कल्याण के लिए जनकल्याणकारी योजना शुरू करने का काम किया था. लेकिन, अन्य दलों की सरकार में साम्प्रदायिक सोच के कारण इन पिछड़े वंचित समाज के लोगों का ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
रोजगार आदि के बारे में अन्य दलों की सरकार ने बसपा सरकार की नकल की है. अपने जन्मदिन के मौके पर मुस्लिम समाज कहना चाहती हूं कि स्वभिमान के लिए अपने गुरु कांशीराम, भीमराव आंबेडकर के रास्ते पर चलते हुए बसपा को मजबूत करें. आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है. पीड़ित वंचित लोगों को तभी न्याय मिलेगा जब आरक्षण मिलेगा.
मायावती ने अखिलेश यादव को बताया गिरगिट:कांग्रेस भाजपा व अन्य दलों की सोच साम्प्रदायिक है. मजदूरों और बेरोजगारों के लिए बसपा से जुड़ना और सत्ता तक पहुंचने की जरूरत है. ये जातिवादी सोच वाली विरोधी पार्टियां एक होकर बसपा को सत्ता से दूर रखना चाहती हैं. विपक्ष को लेकर इंडिया गठबंधन के अंतर्गत सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मेरे प्रति अपना जो व्यवहार बदला है और सम्मान करने वाला बयान दिया है, उस पर कहना चाहूंगी कि सपा मुखिया गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हैं. ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है.
खत्म होना चाहिए EVM का सिस्टम:उन्होंने कहा कि बसपा लोकसभा चुनाव 2024 में किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. गठबंधन से बसपा को नुकसान होता है जबकि, दूसरे दलों को फायदा होता है. कहा कि 2007 की तरह चुनवा हुआ तो बसपा सरकार बनाएगी. केंद्र में और देश में आम धारणा है कि EVM से बेईमानी से चुनाव जीता जा रहा है. EVM के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं. ये सिस्टम खत्म हो सकता है.
मैं सन्यास नहीं ले रही:मायावती ने आगे कहा कि मैं सन्यास नहीं लेने वाली हूं. सन्यास लेने की अफवाह फैलाई जा रही है. लोकसभा चुनाव बसपा पूरी दमदारी से लड़ेगी. लोकसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी अकेले और दमदारी से लड़कर केंद्र की सत्ता तक पहुंचने का काम करेगी. गठबंधन करके बसपा का वोट दूसरे दलों को चला जाता है लेकिन दूसरे दलों का वोट बसपा को नहीं मिल पाता. इससे नुकसान होता है. यूपी में 1996 में हुए चुनाव इसका परिणाम हैं. इसलिए हम अकेले ही चुनाव लड़ेंगे और बेहतर परिणाम लाने का काम करेंगे. चुनाव के बाद वह गठबंधन में शामिल हो सकती हैं.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता मिला, पर जाने का अभी नहीं लिया फैसला:बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता मिला है. लेकिन, अभी जाने का फैसला नहीं लिया है. 22 जनवरी के कार्यक्रम का स्वागत करती हैं. बाबरी मस्जिद का भी जब काम होगा उसका भी स्वागत है. बसपा के लिए सभी धर्म बराबर हैं. बसपा देश में अकेली धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. 22 जनवरी को प्राणप्रतिष्ठा के लिए अभी अंतिम फैसला नहीं लिया है. पार्टी का कुछ कामकाज अभी चल रहा है, इसलिए देखना होगा.
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