लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती आज 66 साल की हो गई हैं. 15 जनवरी, 1956 को जन्मी मायावती का जीवन संघर्षों और विवादों से भरा रहा है. उनके जीवन पर लिखी गई पुस्तक में जहां घर में ही भेदभाव का जिक्र किया गया है. वहीं, रैलियों में नोटो की माला, टिकट बिक्री व प्राइवेट जेट से सैंडल मंगवाने में 'विकीलीक्स' के खुलासे से विवादों में भी रहीं. हालांकि, बसपा उनके जन्मदिन को जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मना रही है. मायावती पर अजय बोस की किताब 'बहनजी- बायोग्राफी ऑफ मायावती' में तमाम बातों का दावा किया गया है. इसमें कहा गया है कि मायावती को घर में ही भेदभाव का सामना करना पड़ा था.
यह भेदभाव उनके दलित होने पर नहीं, बल्कि लड़की होने के लिए किया गया था. यह करने वाले उनके ही पिता थे. मायावती के छह भाई और तीन बहने थीं. इसमें सभी भाईयों की पढ़ाई पब्लिक स्कूलों में हुई, वहीं सभी बहनों का दाखिला सस्ते सरकारी स्कूल में करवाया गया. मायावती अपने सभी भाई बहनों में पढ़ने में सबसे तेज थीं. उन्होंने आईएस बनने का सपना देखा था. मगर इस बीच वह कांशीराम की विचारधारा से काफी प्रभावित हो गईं. इसके बाद उन्होंने आईएएस बनने के अपने सपने को छोड़ दिया और राजनीति में आ गईं. इस दौरान उन्होंने कंशीराम का भरोसा जीत लिया और उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री बनीं.
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मायावती का सियासी सफर
- - मायावती ने पहली बार 1989 में लोकसभा का चुनाव लड़ा. उन्हें इस चुनाव में जीत भी मिली.
- - 1994 में राज्यसभा सांसद बनीं. एक साल के बाद ही वह दिल्ली से वापस लखनऊ पहुंचीं.
- - तीन जून 1995 को मुख्यमंत्री की गद्दी संभाल ली. उन्होंने प्रथम भारतीय दलित महिला के रूप में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
- - उनका यह कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं रहा. 18 अक्टूबर 1995 को उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया.
- - मायावती ने 1997 में दूसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी को संभाला. इस बार भी वह कुछ ही महीनों में सत्ता से बेदखल हो गईं.
- - 2002 में तीसरी बार वह मुख्यमंत्री बनीं. इस बार भी उनका कार्यकाल कुछ ही महीनों का था.
- - 2006 में कांशीराम के निधन के बाद अब बीएसपी की कमान पूरी तरह से मायावती के हाथ में आ गई. वह बसपा अध्यक्ष बनीं.
- - 2007 में जब यूपी में विधानसभा चुनाव हुए तो बीएसपी को शानदार जीत मिली. उन्होंने पहली बार 5 साल का कार्यकाल पूरा किया.
वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर 'मेरे संघर्षमय जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा भाग 17 का हिंदी व अंग्रेजी में विमोचन किया.
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