हैदराबादःआजमगढ़ के इस उपचुनाव में भाजपा ने सपा का किला ध्वस्त कर दिया. सपा की हार की पटकथा लिखने के पीछे काफी हद तक बसपा का भी हाथ बताया जा रहा है. दरअसल, बसपा के मुस्लिम उम्मीदवार गुड्डू जमाली इस बार काफी वोट बटोरने में सफल रहे इस वजह से भाजपा की जीत का रास्ता आसान हो गया. गुड्डू जमाली को मिले वोटों से मायावती बेहद खुश हैं. उन्होंने बकायदा ट्वीट जारी कर इस खुशी का इजहार किया है. सियासी पंडितों का कहना है कि मायावती को सोशल इंजीनियरिंग का नया फार्मूला मिल गया है. यह फार्मूला है दलित और मुस्लिम गठजोड़ का. सतीश चंद्र मिश्रा को जिस तरह से मायावती ने किनारे लगाया है उस लिहाज से लग रहा है कि अब वह दलित और ब्राह्मण गठजोड़ के साथ काम नहीं करेंगी.
वर्ष 2019 में जब अखिलेश यादव इस सीट से लड़े थे तब अखिलेश यादव को 6,21,578 और निरहुआ को 3,61,704 वोट मिले थे. अखिलेश को कुल पड़े वोट का 60 फीसदी और निरहुआ को 35 फीसदी वोट मिले थे. उस चुनाव में बसपा की हालत काफी पतली थी. इस बार के उपचुनाव में में भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने जीत दर्ज की है. उन्हें 2,94,377 वोट (34.42%) वोट मिले हैं. वहीं, दूसरे नंबर पर रहे सपा के धर्मेंद्र यादव को 2,83,164 (33.11%) वोट मिले है. तीसरे स्थान पर रहे बसपा के गुड्डू जमाली को 2,52,725 (29.55%) वोट मिले हैं. भाजपा की जीत का अंतर बेहद कम रहा है.
वहीं, बात अगर बसपा के गुड्डू जमाली को मिले वोटों की कि जाए तो यह बसपा की उम्मीद से कहीं ज्यादा है. गुड्डू जमाली को इस बार 2,52,725 वोट मिले हैं. यह कुल मतदान का 29.55% है. वहीं, सपा के धर्मेंद्र यादव को 2,83,164 वोट मिले हैं, जो कुल मतदान का 33.11% है यानी महज तीन से चार फीसदी के बीच सपा और बसपा के बीच वोटों का अंतर रह गया. बस इसी आंकड़े ने मायावती को खुश कर दिया है. सपा की साइकिल पंचर करने में बसपा ने अहम योगदान दिया है. मायावती को यहां के मुस्लिमों ने काफी समर्थन किया है.